नई दिल्ली: 15 अगस्त को सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास दूरस्थ इलाके में मंगलवार (15 अगस्त) को स्वतंत्रता दिवस मनाया. बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और जवानों ने देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशभक्ति के नारे लगाए.
कमांडिंग ऑफिसर मोहम्मद इसराइल ने कहा, ‘‘हमारी बटालियन सेना की तीन टुकड़ियों के साथ एलओसी पर तैनात है. हम भाग्यशाली हैं कि हमें देश की सीमाओं की रक्षा करने का जिम्मा दिया गया है और हमें इस पर बहुत गर्व है. मैं अपने देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि वे सुरक्षित हैं. दुश्मन हमारे रहते (देश के) अंदर नहीं आ सकता.’’
नियंत्रण रेखा पर सतर्कता का स्तर बढ़ा
बीएसएफ कश्मीर फ्रंटियर के महानिरीक्षक अशोक यादव ने कहा कि दुश्मन के नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए स्वतंत्रता दिवस से पहले नियंत्रण रेखा पर सतर्कता का स्तर बढ़ा दिया गया है. यादव ने कहा, ”जब भी कोई राष्ट्रीय कार्यक्रम होता है तो खतरे का स्तर बढ़ जाता है. एलओसी पर सेना के साथ तैनात बीएसएफ सतर्कता के साथ अपनी ड्यूटी निभा रहा है. हम यह सुनिश्चित करते हैं कि एलओसी के उस पार से कोई घुसपैठ न हो. हम गश्त और घात लगाकर हमलों की इस प्रकार योजना बनाते हैं कि सभी संवेदनशील इलाकों को कवर किया जा सके और कोई आतंकवादी गतिविधि न हो सके. हमने कुछ अच्छे अभियान चलाकर घुसपैठ के कई प्रयासों को रोका है.”
अभियान चलाकर घुसपैठ के कई प्रयासों को रोका
बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि जैसे-जैसे एलओसी के पहाड़ी दर्रों पर बर्फ पिघलती है, घुसपैठ की आशंका भी बढ़ जाती है. उन्होंने कहा, ‘‘जब बर्फ पिघलती है, तो घुसपैठ का खतरा बढ़ जाता है. खतरे की आशंका बढ़ जाती है और इसी मौसम में हमें घुसपैठ की अधिक कोशिशें देखने को मिलती हैं. हमारी सहयोगी एजेंसियों से मिली खुफिया जानकारी के आधार पर हम सेना के साथ अपने अभियानों की उसके मुताबिक योजना बनाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि हम घुसपैठ के सभी प्रयासों को विफल कर दें.’’
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