इंफाल (Imphal)। मणिपुर (Manipur Violence) के बिष्णुपुर जिले (Bishnupur district) के महिला थाने में मैतेई महिला (meitei woman) ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म (gangrape) की प्राथमिकी दर्ज कराई है। महिला ने आरोप लगाया है कि तीन मई को कुकी उपद्रवियों (kuki miscreants ) की भीड़ ने उसके साथ तब सामूहिक दुष्कर्म किया, जब वह और मैतेई समुदाय के कुछ लोग कुकी बहुल चुराचांदपुर जिले से भागने की कोशिश कर रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक, नौ अगस्त को बिष्णुपुर महिला थाने में दर्ज एफआईआर को मणिपुर के चुराचांदपुर पुलिस स्टेशन भेजा गया है। पुलिस को दिए गए महिला के बयान के अनुसार, तीन मई को शाम 6.30 बजे के आसपास कुकी उपद्रवियों के एक समूह ने उसके गांव में हमला किया। हिंसक भीड़ ने उसके घर के साथ कई घरों में आग लगा दी।
पीड़िता ने बताया कि अफरा-तफरी के बीच उसने अपने परिवार के साथ भागने की कोशिश की। लगभग आधा किमी तक दौड़ने के बाद वह लड़खड़ाकर गिर गई। परिवार के अन्य सदस्यों ने उसे संभालने की कोशिश की, लेकिन बाद में उसके अनुरोध पर वे वहां से भागने में सफल रहे। इस बीच कुछ लोगों की भीड़ वहां पहुंच गई और उसे पकड़ लिया। इसके बाद उपद्रवियों ने उसके साथ मारपीट की। विरोध करने पर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
थाने में दर्ज प्राथमिकी में पीड़ित महिला ने बताया कि तबीयत ज्यादा खराब होने पर आठ अगस्त को इंफाल के एक सरकारी अस्पताल में उनसे इलाज कराया और चिकित्सकों की सलाह के बाद उनसे पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया। महिला का कहना है कि उसके साथ जघन्य अपराध करने वाले दोषियों को कड़ी-कड़ी से सजा मिलनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर हिंसा के दौरान दो कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था। यह वीडियो चार मई का बताया गया था। जिसमें हिंसक भीड़ दो कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर एक गांव की सड़कों पर घुमाती दिख रही थी। दावा किया गया था कि दंगाइयों ने दोनों महिलाओं के साथ दुष्कर्म भी किया था।
आईटीएलएफ ने शाह की टिप्पणी पर जताई आपत्ति
मणिपुर के स्वदेशी जनजातीय नेता मंच ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में जातीय संघर्ष पर लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणियों से आदिवासियों और कुकी-को समुदाय के लोगों को अपमान महसूस हुआ है। इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने कहा, मणिपुर में तीन महीने की हिंसा में 130 से अधिक कुकी-जो आदिवासियों की मौत हो गई, 41,425 आदिवासी नागरिकों का विस्थापन हुआ और मैतेई व आदिवासियों का पूर्ण शारीरिक और भावनात्मक अलगाव हुआ। गृह मंत्री ने स्पष्टीकरण में म्यांमार से आए शरणार्थियों पर संघर्ष शुरू करने का आरोप लगाया, जो सरासर गलत है।
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