नई दिल्ली: मोदी सरकार (Modi government) के खिलाफ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (INDIA) की तरफ से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) गुरुवार को लोकसभा में गिर गया (fell in the Lok Sabha). ये अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से गिरा है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के बोलने के दौरान ही विपक्षी पार्टियों (opposition parties) ने वॉकआउट कर दिया था.
विपक्ष का कहना था कि करीब दो घंटे तक बोलने के बाद भी पीएम मोदी ने मणिपुर (Manipur) का जिक्र नहीं किया. हालांकि पीएम मोदी ने भाषण के आखिरी हिस्सों में मणिपुर पर विस्तृत बयान दिए. पीएम ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ”2018 में मैंने नेता सदन के नाते उनको (विपक्ष) काम दिया था कि 2023 में वो अविश्वास प्रस्ताव लाएं. अब 2028 में लाने का काम उनको दे रहा हूं, लेकिन कम से कम थोड़ी तैयारी करके आएं. ताकि जनता को लगे कि कम से कम वो विपक्ष के लायक है.”
पीएम मोदी ने 2018 में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा था कि विपक्ष 2023 में भी अविश्वास प्रस्ताव लाएगा. अब पीएम मोदी ने एक बार फिर 2024 के चुनाव में जीत के सारे रिकॉर्ड तोड़ने का दावा किया है और कहा है कि विपक्ष 2028 में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगा.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने वॉकआउट करने को लेकर कहा, ”मणिपुर के मुद्दे पर आज भी पीएम ‘नीरव’ ही बने रहे. ‘नीरव’ रहने के चलते मैंने सोचा कि नया नीरव मोदी देखने का क्या फायदा. इनके दरबारी सारी बात कह चुके हैं. पीएम मोदी जो दोहराते हैं वो ही बात उनके दरबारी कह चुके हैं.” उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी को कांग्रेस का डर सताता है.
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