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    क्या है नेशनल डेंटल कमीशन बिल? संसद में ध्वनि मत से हुआ पारित, जानें कैसे लाएगा बदलाव?

  • August 09, 2023

    नई दिल्ली: देश की संसद में मंगलवार को नेशनल डेंटल कमीशन बिल 2023 पारित किया गया. लोकसभा में इसे 28 जुलाई को पारित कर दिया गया था. अब राज्यसभा की मंजूरी के साथ प्रस्तावित कानूनों को लेकर संसदीय प्रक्रिया पूरी हो गई है. इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार करना है, साथ ही दंत चिकित्सा की गुणवत्ता को और बढ़ाना है.

    8 अगस्त को संसद में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) द्वारा संचालित दो विधेयक राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक और राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023 चर्चा के बाद पारित किया गया. मंडाविया ने कहा, ‘ये बिल स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार का एक प्रयास है, जिसमें नर्सिंग और दंत चिकित्सा शामिल है.’ मंत्री ने यह भी घोषणा की कि सरकार जल्द ही एक फार्मेसी आयोग लेकर आएगी. उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र के समग्र विकास के लिए पिछले नौ वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला और उसकी सराहना की.


    नेशनल डेंटल कमीशन बिल, दंत चिकित्सक अधिनियम, 1948 को निरस्त करने का प्रस्ताव करता है और राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग (NMC) स्थापित करने का प्रस्ताव करता है. इसका उद्देश्य दंत चिकित्सा शिक्षा को और बेहतर बनाना है. राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक, 2023 का उद्देश्य राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग (NNMC) की स्थापना करना और भारतीय नर्सिंग परिषद अधिनियम, 1947 को निरस्त करना है.

    इस बिल में भारत की दंत चिकित्‍सा की शिक्षा को ग्‍लोबल स्टैंडर्ड के लिहाज से तैयार करने के अलावा अफोर्डेबल क्‍वालिटी एजुकेशन प्रदान करने की रूपरेखा बनाई गई है. इस बिल का उद्धेश्‍य डेंटिस्‍ट्री और डेंटिस्‍टों के बीच में तालमेल बनाने के साथ ही इन्‍हें रेगुलेट करने की व्‍यवस्‍था करना है. बिल में तीन स्‍वायत्‍त बोर्ड होंगे. इनमें एक यूजी एंड पीजी, डेंटल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड, एथिक्‍स एंड डेंटल रजिस्‍ट्रेशन बोर्ड के अलावा एक डेंटल एडवाइजरी काउंसिल और स्‍टेट डेंटल काउंसिल बनाने का प्रस्‍ताव है.

    सरकार ने प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के साथ एक नर्सिंग कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया है. मंडाविया ने कहा, ‘इसके लिए सरकार 10 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी. इस बिल का उद्देश्य देश में दंत चिकित्सा उपचार के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करना है. इस बिल की मदद से दांतों से जुड़े इलाज को लेकर नए तरीके ढूढ़े जाएंगे और उन पर शोध होंगे, साथ ही दंत चिकित्सा शिक्षा में नई-नई तकनीकों को भी शामिल किया जाएगा.’

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