वेस्ट से बेस्ट की एक और उपलब्धि
इंदौर। नगर निगम (Indore Nagar Nigam) द्वारा कबाड़ में पड़ी विभिन्न सामग्रियों से कई कलाकृतियां बनाने के बाद अब वर्कशाप ने तैरता हुआ फव्वारा बनाया है, जिसमें आकर्षक विद्युत साज-सज्जा की गई है। सारा सामान वेस्ट मटेरियल (waste material) से बनाया गया है। इसे कृष्णपुरा छत्री या किसी तालाब के आसपास लगाने की तैयारी है।
नगर निगम ने थ्री-आर कान्सेप्ट (The Municipal Corporation has implemented the 3R concept.) पर काम करते हुए कबाड़ में पड़े सामान से कई कलाकृतियां बनाकर उन्हें चौराहों से लेकर ट्रेंचिंग ग्राउंड में लगाई थीं। इन कलाकृतियों को काफी सराहा गया था, जिसके चलते बाद में शहर के कई उद्यानों और विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर एनजीओ टीमों की मदद से कलाकृतियां बनाने का काम जारी रहा। शहर के अधिकांश चौराहों पर कबाड़ से बनाई गई विभिन्न सामग्रियां लगा दी गई हैं। अब इसी पैटर्न पर काम करते हुए नगर निगम के वर्कशाप ने कबाड़ में पड़े लोहे के सामान से तैरता हुआ आकर्षक फव्वारा बनाया है। इस गोलाकार फव्वारे पर पंजाबी स्टाइल में भांगड़ा करते हुए पुतले लगाए गए हैं, साथ ही आकर्षक विद्युत साज सज्जा की गई है। निगम की विद्युत एवं यांत्रिकी समिति के प्रभाारी जीतू यादव के मुताबिक विभिन्न गाडिय़ों के पाट्र्स, कबाड़ की सामग्री से तैरता फव्वारा तैयार किया गया है। इसमें लगाई गई मोटरें भी निगम को खरीदनी नहीं पड़ी। सिर्फ पांच से छह पुतले बाजार से सजावट के लिए खरीदे गए और उसका ट्रायल भी सफलतापूर्वक वर्कशाप विभाग द्वारा जारी किया जा चुका है। इस पर नाममात्र का खर्च सिर्फ पुतला खरीदी और विद्युत साज-सज्जा में लगा है।
प्रयोग सफल रहा तो कई तालाबों के लिए भी बनाएंगे तैरते फव्वारे
निगम वर्कशाप ने पहला प्रयोग करते हुए इस प्रकार का तैरता फव्वारा बनाया है। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो फिर इसे बड़े पैमाने पर अन्य तालाबों के लिए बनाने का काम शुरू किया जाएगा। इस मामले को लेकर समिति प्रभारी जीतू यादव ने निगम कमिश्नर हर्षिका सिंह से कबीटखेड़ी, ट्रेंचिंग ग्राउंड से लेकर कई झोन पर पड़े कबाड़ से विभिन्न सामग्रियां बनाने को लेकर चर्चा की है। आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर यह कार्य और शुरू किया जाएगा। इससे पहले निगम वर्कशाप विभाग में बैटरी से चलने वाली छोटी कचरा उठाने वाली रिक्शा बनाने से लेकर गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए मशीन भी तैयार की गई थी।
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