नई दिल्ली । लोकसभा में (In Lok Sabha) विपक्षी गठबंधन इंडिया (Opposition Alliance India) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से (To Prime Minister Narendra Modi) 3 सवाल पूछे (Asked 3 Questions) । 1. प्रधानमंत्री मोदी आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए? 2. प्रधानमंत्री मोदी को मणिपुर पर बोलने में लगभग 80 दिन क्यों लगे? 3. प्रधानमंत्री मोदी ने आज तक मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया?
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की है।भाजपा की और से निशिकांत दुबे ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत की है। गौरव गोगोई ने कहा “हम अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर हैं। यह कभी भी संख्या के बारे में नहीं था, बल्कि मणिपुर के लिए न्याय के बारे में था। मैं प्रस्ताव पेश करता हूं कि यह सदन सरकार में अविश्वास व्यक्त करता है। इंडिया मणिपुर के लिए यह प्रस्ताव लाया है। मणिपुर न्याय चाहता है ।”
लोकसभा में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा प्रधानमंत्री ने संसद में न बोलने का मौन व्रत ले लिया है। इसलिए उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। हमारे पास उनके लिए तीन सवाल हैं – 1. वे आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए?, 2. आख़िरकार मणिपुर पर बोलने में लगभग 80 दिन क्यों लग गए और जब वे बोले तो सिर्फ़ 30 सेकंड के लिए?, 3. मुख्यमंत्री ने अब तक मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया?
गोगोई ने कहा प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार, मणिपुर में उनकी सरकार विफल हो गई है। इसीलिए, मणिपुर में 150 लोगों की मृत्यु हुई, लगभग 5000 घर जला दिए गए, लगभग 60,000 लोग राहत शिविरों में हैं और लगभग 6500 एफआईआर दर्ज की गई हैं। राज्य के मुख्यमंत्री, जिन्हें बातचीत का, शांति और सद्भाव का माहौल बनाना चाहिए था, उन्होंने पिछले 2-3 दिनों में भड़काऊ कदम उठाए हैं जिससे समाज में तनाव पैदा हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त की शाम चर्चा का जवाब देंगे और अगर उसके बाद विपक्ष वोटिंग की मांग करता है तो प्रस्ताव पर वोटिंग करवाई जाएगी।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए कुल 12 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। सांसदों की संख्या के आधार पर सभी राजनीतिक दलों को सदन में बोलने का समय अलॉट कर दिया गया है। हालांकि जरूरत पड़ने पर स्पीकर या पीठासीन सभापति इस समय को बढ़ा सकते हैं।
लोक सभा में भाजपा के पास सबसे ज्यादा 301 सांसद हैं, इसलिए भाजपा को भाषण देने के लिए सबसे ज्यादा यानी 6 घंटे 41 मिनट का समय दिया गया है, वहीं 51 सांसदों वाली कांग्रेस को 1 घंटा 9 मिनट का समय दिया गया है। डीएमके के पास 24 सांसद हैं, इसलिए उन्हें 30 मिनट का समय दिया गया है। अन्य राजनीतिक दलों की बात करें तो 23 सांसदों वाले टीएमसी को 29 मिनट, 22 सांसदों वाली वाईएसआर कांग्रेस को 29 मिनट, शिवसेना को 23 मिनट, जेडीयू को 21 मिनट, बीजेडी को 16 मिनट, बसपा को 12 मिनट, एलजेएसपी को 8 मिनट का समय अलॉट किया गया है।
एआईएडीएमके, अपना दल, आजसू,एमएनएफ, एसकेएम, एनडीपीपी,एनपीपी, एपीएफ और निर्दलीयों को मिलाकर 17 मिनट का समय अलॉट किया गया है। इसके अलावा एनसीपी, सपा, सीपीएम, सीपीआई, आईयूएमएल, नेशनल कांफ्रेंस, जेडीएस, जेएमएम, अकाली दल और आप सहित अन्य सभी बचे हुए दलों को कुल मिलाकर 52 मिनट का समय अलॉट किया गया है।
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