नई दिल्ली (New Delhi)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ (central government) मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) पर चर्चा शुरू होगी। तीन दिन तक चलने वाली बहस का जबाब गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) की संसद सदस्यता बहाल होने के बाद वह विपक्ष की तरफ से चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं। चर्चा के दौरान बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) हस्तक्षेप कर मणिपुर उठने वाले सवालों का जबाब दे सकते हैं।
मोदी सरकार के खिलाफ मौजूदा कार्यकाल में आने वाल यह पहला अविश्वास प्रस्तव है। मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी एक बार ही अविश्वास प्रस्ताव 2018 के मानसून सत्र में ही लाया गया था। इस बार अविश्वास प्रस्ताव पर 8 अगस्त को दोपहर 12 चर्चा शुरू होगी, जो शाम 7 बजे तक चलेगी। बुधवार को भी 12 बजे से शाम 7 बजे तक चर्चा होगी। गुरुवार को शाम 4 बजे प्रधानमंत्री मोदी के बहस का जबाब देने की संभावना है।
बहस के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा से लगभग 20 वक्ता हिस्सा ले सकते हैं। चर्चा की शुरुआत के लिए कांग्रेस के गौरव गोगोई का नोटिस स्वीकार हुआ है। इस नाते वह वह प्रस्ताव पेश करेंगे, लेकिन अगर वह चाहें तो अपनी जगह राहुल गांधी को बहस की शुरुआत करने का मौका दे सकते हैं।
मणिपुर कांग्रेस के नेता खड़गे और सोनिया से मिले
सोमवार को मणिपुर कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस मौके पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसद भवन स्थित कार्यालय में हुई इस मुलाकात के दौरान मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम ईबोबी सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के.मेघचंद्र ने प्रदेश की ताजा स्थिति की जानकारी थी।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बहस में हिस्सा लेते हुए राहुल गांधी मणिपुर के साथ बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा उठाएंगे। इसके साथ वह अडानी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।
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