नई दिल्ली: मणिपुर प्रशासन की ओर से हिंसा मामलों और इससे जुड़े अपराधों के ब्यौरे की स्टेटस रिपोर्ट सामने आई है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इस स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक सामूहिक बलात्कार और हत्या की केवल एक FIR दर्ज की गई है, जबकि सामूहिक बलात्कार और बलात्कार के मामले में तीन FIR दर्ज हैं. मणिपुर हिंसा मामलों में FIR की अधिकतम संख्या 4694 हैं, जिनमें हत्या के लिए 72 FIR दर्ज की गई हैं. मणिपुर सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश सरकारी रिपोर्ट में ये आंकड़े दर्शाए गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल सरकारी रिपोर्ट के आंकड़े
राज्य में किस तरह गठित होगी SIT, कौन-कौन होगा शामिल?
इसके साथ ही राज्य में SIT बनाने की बात कही गई है, जिसके लिए मणिपुर पुलिस ने एसआईटी गठित करने के लिए संभावित टीम का भी प्रस्ताव दिया है. हत्या और/या किसी अन्य जघन्य अपराध से संबंधित एफआईआर के लिए, एसआईटी का नेतृत्व एक ऐसे अधिकारी द्वारा किया जाना प्रस्तावित है जो एसपी रैंक से नीचे का न हो और ऐसी एसआईटी में निम्नलिखित भी शामिल होंगे.
इसके साथ ही बलात्कार, शीलभंग और ऐसे अन्य यौन अपराधों से संबंधित FIR के लिए, SIT का नेतृत्व एक ऐसे अधिकारी द्वारा किया जाना प्रस्तावित है जो एसपी रैंक से नीचे का न हो और ऐसी SIT में निम्नलिखित भी शामिल होंगे.
अन्य FIR के लिए, डिप्टी एसपी रैंक से नीचे के अधिकारी की अध्यक्षता में SIT का गठन किया जाएगा. इन SIT की संरचना इस प्रकार होगी.
चुराचांदपुर, कांगपोकपी, इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों के लिए, उपरोक्त संरचना के साथ प्रत्येक जिले में 06 (छह) एसआईटी होंगी. थौबल और तेंगनौपाल जिलों के लिए, उपरोक्त संरचना वाली प्रत्येक 03 (तीन) एसआईटी होंगी.
SIT की होगी वीकली निगरानी
इन एसआईटी की वीकली निगरानी DIG/IG/ADG रैंक के एक अधिकारी द्वारा की जाएगी. इसके अलावा डीजीपी भी इन मामलों की 15 दिनों में मॉनिटरिंग करेंगे. इन मामलों को केंद्रित और समय से निपटाने के लिए मणिपुर पुलिस की एसआईटी टीमों का प्रस्ताव रखा जा रहा है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved