नई दिल्ली: बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा अक्सर कस्टमर का निजी डाटा फायदे के लिए बेचने व लीक करने की खबरें सामने आती रहती हैं, लेकिन केंद्र सरकार के नए प्रस्तावित डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण कानून के संसद में पास होने के बाद इसपर पूरी तरह से नकेल लग जाएगी. सरकारी की योजना ऐसी कंपनियों पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने की है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक बैंकों, बीमा कंपनियों, रियल एस्टेट और ऑटो-मोबाइल विक्रेताओं, होटल और रेस्तरां व ई-कॉमर्स के साथ-साथ सोशल मीडिया कंपनियों पर यह कानून लागू होगा.
रिपोर्ट में बताया गया कि ग्राहकों के नाम, उनके फोन नंबर या अन्य जानकारी किसी कंपनी द्वारा तीसरे पक्ष को लीक करने व बेचने की स्थिति में यह कानून प्रभावी हो जाएगा. नए कानून का मसौदा तैयार करने में शामिल एक शीर्ष अधिकारी ने टीओआई से कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित करने पर ध्यान रखा है कि जो कंपनियां ग्राहकों से सीधे जानकारी प्राप्त करती हैं, उन्हें जवाबदेह बनाया जाए. उनसे किसी भी जानकारी के लीक होने की स्थिति में जुर्माना वसूला जाएगा. एक लीक के लिए 250 करोड़ रुपये तक और कई कंपनियों के साथ डाटा शेयरिंग की स्थिति में यह राशि इससे भी अधिक हो सकती है.
डाटा कस्टमर से लेने वाली कंपनी होंगी जवाबदेह
रिपोर्ट के मुताबिक नए कानून के तहत अगर आप कार खरीदने की इच्छा रखते हैं और लोन लेने के लिए बैंक से संपर्क करते हैं. अगर बैंक अधिकारी आपका निजी विवरण कार निर्माताओं को बेच देता है, जो बाद में इस डाटा को बीमा कंपनियों को आगे दे देता है. ऐसी स्थिति में नए कानून के तहत बैंक को पकड़ा जाएगा. उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अधिकारी ने कहा, “डाटा कानून का पूरा कांसेप्ट लोगों की गोपनीयता की रक्षा करना और डाटा के किसी भी अनधिकृत उपयोग से बचाव करना है.
काम समाप्त होने के बाद डिलीट करना होगा डाटा
एक सप्ताह पहले ही संचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह बिल लोकसभा में पेश किया था. तब उन्होंने स्पष्ट किया था कि कस्टमर का डाटा प्राप्त करने के बाद प्रत्येक कंपनी को काम समाप्त होने के तुरंत बाद जानकारी को डिलीट करना होगा.“अगर, X नामक व्यक्ति एक रियल एस्टेट ब्रोकर को ऑनलाइन संदेश भेजता है, यह ब्रोकर Y के माध्यम से मकान दिला देता है. इस दौरान X अपना डाटा ब्रोकर को शेयर करता है. इसके बाद, X ने Y को सूचित किया कि उसे अब Y से मदद की जरूरत नहीं है. ऐसे में X के व्यक्तिगत डाटा को आगे इस्तेमाल करना बंद करना होगा.
कॉन्टैक्ट डिटेल देने के लिए मजबूर नहीं कर सकती कंपनियां
नए कानून के तहत उन कंपनियां पर भी नकेल कसी जाएगी जो उपयोगकर्ताओं पर जानकारी देने का दबाव डालती हैं. ऐसी जानकारी जो उनके द्वारा दी जा रही सेवा के लिए जरूरी नहीं है वो नहीं मांगी जा सकेगी. लगभग सभी मोबाइल एप द्वारा फोन बुक में मौजूद आपके दोस्त-रिश्तेदारों की डिटेल अक्सर मांगी जाती है. इसकी इजाजत दिए बिना कस्टमर को एप इस्तेमाल करने नहीं दिया जाता. सरकार का मकसद इस नियम के माध्यम से ऐसी कंपनियों पर नकेल कसने की है.
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