नई दिल्ली। चीन और फिलीपींस की सेना दक्षिण चीन सागर में एक दूसरे से भिड़ गई है। दरअसल फिलीपींस का एक रसद आपूर्ति वाली नौका को ड्रैगन ने आगे बढ़ने से समुद्र में ही रोक दिया। फिलीपींस के विरोध करने पर चीनी तटरक्षकों ने वॉटर search कैनन से बौछार कर दी। इससे फिलीपींस और चीन में समुद्र के बीच ही भिड़ंत हो गई। फिलीपींस की सेना ने रविवार को विवादित दक्षिण चीन सागर में अपने के कब्जे वाले तट पर नए सैनिकों और रसद की आपूर्ति करने जा रही थी। मगर चीन ने नौका को रोकने के लिए तट रक्षक जहाज से पानी की बौछार कर दी। फिलीपींस ने इसकी निंदा की है।
दोनों देशों के बीच शनिवार को यह तनाव दूसरे थॉमस शोल पर हुआ। यह चीन, फिलीपींस , वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई के बीच सीमा विवाद को लेकर नवीनतम संघर्ष है। फिलीपींस के तटरक्षक बल के अधिकारियों ने बताया कि नौसेना के नाविक दो विशेष आपूर्ति नौकाओं पर सवार थे और द्वितीय थॉमस शोल की ओर जा रहे थे जिनकी सुरक्षा फिलीपींस तटरक्षक बल की नौकाएं कर रहीं थी, तभी चीन के तटरक्षक बल की नौका वहां पर पहुंची और शक्तिशाली पानी की बौछारों से फिलीपीन को शोल तक पहुंचने से रोकने की कोशिश की। उक्त शोल पर चीन भी अपना दावा करता है।
फिलीपींस ने चीन पर लगाया संधि के उल्लंघन का आरोप
फिलीपींस के शस्त्र बल ने कहा कि चीन के पोत से की गई कार्रवाई ने ‘‘नौका पर सवार लोगों की सुरक्षा की अवहेलना हुई और 1982 संयुक्त राष्ट्र समुद्री संधि संहिता अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया गया। हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि इस घटना में कोई नाविक घायल हुआ है या नहीं। अमेरिका ने भी फिलीपींस के मामले में समर्थन करते हुए चेतावनी दी है कि अगर फिलीपींस के पोत पर हमला किया गया तो वह दक्षिण चीन सागर सहित सभी स्थानों पर फिलीपींस की रक्षा करने संबंधी समझौते का अनुपालन करेगा। अमेरिका के विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि चीन की ओर से पानी के बौछारों को छोड़ा जाना और असुरक्षित तरीके से रास्ते को रोक कर फिलीपींस के समुद्र में नौवहन के कानूनी अधिकार का उल्लंघन किया गया है और फिलीपींस की नौका और चालक दल की सुरक्षा को खतरे में डाला गया है।
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