नई दिल्ली: भारतीय रुपए को लेकर श्रीलंका ऐस ऐसी खबर आई थी, जिसके बाद भारत के केंद्रीय बैंक को सफाई देना पड़ी है। दरअसल, कुछ समय से अफवाह चल रही थी कि श्रीलंका में भरतीय मुद्रा यानी भारतीय रुपए को लीगल टेंडर यानी भुगतान के आधिकारिक माध्यम के रूप उपयोग किया जा सकता ळै। हालांकि बुधवार श्रीलंका के केंद्रीय बैंक सेंट्रल बैंक आफ श्रीलंका यानी ‘सीबीएसएल’ ने एक औपचारिक स्पष्टीकरण जारी करके सभी अफवाहों का खंडन कर दिया है। बैंक ने श्रीलंकाई नागरिकों से कहा कि घरेलू लेन-देन के लिए वो भारतीय रुपये का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
दरअसल, श्रीलंका ने भारत से व्यापार की सुविधा के लिए भारतीय रुपये को डेजिग्नेटेज फॉरेन करेंसी का दर्जा दिया है। जुलाई के महीने में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी कहा था कि भारतीय रुपया श्रीलंका में डेजिग्नेटेज फॉरेन करेंसी है। इसका मतलब यह हुआ कि दोनों देश अपने व्यापार के भुगतान के लिए भारतीय रुपये का इस्तेमाल कर सकते हैं और श्रीलंका आने वाले भारतीय पर्यटक भी रुपये में लेन-देन कर सकते हैं।
श्रीलंकाई बैंक ने लोगों को गुमराह न होने की सलाह दी। बैंक ने आगे कहा कि श्रीलंका की जनता को भारतीय रुपये से जुड़े तथ्यों की गलत व्याख्या से गुमराह नहीं होना चाहिए। सीबीएसएल ने यह भी कहा कि वो समय-समय पर व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए विदेशी मुद्राओं को नामित करते हैं।
2022 में भारतीय रुपया श्रीलंका में बना डेजिग्नेटेड फॉरेन करेंसी
सीबीएसएल ने कहा, ‘बैंकिंग अधिनियम और विदेशी मुद्रा अधिनियम के प्रावधानों के तहत, श्रीलंका में 16 डेजिग्नेटेड फॉरेन करेंसी हैं। अगस्त 2022 में भारतीय रुपया इस सूची में शामिल हुआ था।’ बैंक ने जोर देकर कहा कि घरेलू भुगतान और सेटलमेंट के लिए श्रीलंकाई रुपया ही मान्य होगा।
इन देशों में लेन-देन के लिए इस्तेमाल हो सकता है रुपया
भारतीय रुपया नेपाल और भूटान में आधिकारिक रूप से लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इनकी भी कुछ सीमाएं हैं। रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस के मुताबिक, नेपाल में आप 100 रुपये तक के नोट कितने भी ले जा सकते हैं जबकि 200, 500 के नोट ले जाने की सीमा 25,000 है। वहीं, भूटान में भारतीयों को 2,000 का नोट छोड़कर सभी नोट इस्तेमाल करने की अनुमति है।
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