जबलपुर। कलेक्टर सौरव सुमन ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक में सिस्टम को सुधारने के लिये दिशा-निर्देश दिए। यहां तक कि उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे एकेडमिक प्लान बनाएं और टॉपिक बांटकर बच्चों को पढ़ाएं। श्री सुमन ने कमजोर रिजल्ट वाले स्कूलों पर विशेष ध्यान देने की बात कही। इधर,मीटिंग के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों का ही कहना है कि एक बैठक से सिस्टम नहीं सुधर सकता, जमीनी स्तर पर ढेरों बाधाएं हैं, उन्हें दूर करना भी जरूरी है। हालाकि, शिक्षा विभाग के अफसरान पहले भी ऐसी बैठकों का सामना कर चुके हैं और लगभग ऐसे ही निर्देश पहले भी उन्हें मिल चुके हैं। एक रस्म जैसी हो गयी है,जो हर बार अदा की जाती है।
राजनीति में उलझा विभाग
न केवल जबलपुर, बल्कि प्रदेश स्तर पर शिक्षा विभाग में राजनीति हावी है। अनेक संघ हैं, संगठन हैं,जिनका दबाव अधिकारियों पर रहता है। इससे स्कूलों में अव्यवस्थाएं हावी हैं और यदि यही हाल रहे तो ये अनंत काल तक जारी रहेगा।
फॉलो-अप नहीं लिया जाता
कलेक्टर द्वारा बैठक लेने के बाद कभी फॉलो-अप लेने की परंपरा नहीं रही। शिक्षा विभाग के अधिकारी कागजों में कुछ ताना-बाना बुन लेते हैं और जरूरत पडऩे पर उसे ही प्रस्तुत कर देते हैं। शिक्षा जैसे सबसे बुनियादी काम को जिस तरह से हैंडल किया जा रहा है, वो निराशाजनक है। की मांग की।
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