इंदौर (Indore)। नवागत संभागायुक्त मालसिंह भयड़िया सुबह 9 बजे एमटीएच की नब्ज टटोलने पहुंचे। कई तरह की खामियां देखकर जहां संभागायुक्त ने अधिकारी डॉक्टरों की क्लास लगाई, वहीं मरीजों से वास्तविकता भी जानी। 5 डॉक्टर ड्यूटी से नदारद मिले, जिन्हें नोटिस थमाया गया।
एमवाय के दौरे के बाद आज कमिश्नर एमटीएच अस्पताल में सबसे पहले दवाइयों को खंगाला, पंजीकरण काउंटर के मरीजों से चर्चा कर माइक्रोबायोलॉजी और पैथोलॉजी डिपार्टमेंट की तरफ बढ़े तो अंधेरा देखकर भड़क उठे और 2 घंटे में लाइट लगवाने के निर्देश दिए। पैथोलॉजी में 1 घंटे के अंतराल से सैंपल कलेक्शन जांच के लिए पहुंचाने के मामले में कर्मचारी गोलमोल जवाब देते नजर आए। आज कितनी सोनोग्राफी की, इसकी जानकारी देने में टेक्निकल स्टाफ कमजोर नजर आया। एक्सपाइरी दवाइयों के प्रकाश में आए मामले पर अस्पताल में घुसते ही जांच की, जहां बाइकरिल 1 सिजेरियन डिलेवरी के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली दवाई नदारद मिली।
बच्चों को दूध ही नहीं दिया जा रहा
हर वार्ड में डॉक्टरों की जानकारी नहीं होने के कारण रोज का चार्ट लगाए जाने के निर्देश दिए। मिल्क बैंक में रजिस्टर चेक करने के बाद खुलासा हुआ कि 13 जुलाई के बाद से किसी बच्चे को दूध ही नहीं पिलाया गया। इस पर लताड़ लगाते हुए उन्होंने जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सैंपल कलेक्शन में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 1 घंटे में क्यों हर आधे घन्टे में सैम्पल लाओ। कल के दौरे के बाद अलर्ट थे, फिर भी कई खामियां मिलीं।
इनको नोटिस
फ़ायर सेफ्टी पर लगा ताला देखकर भड़के संभागायुक्त लेबर रूम के साथ जनरल वार्ड की भी जांच के लिए पहुंचे। ड्यूटी से नदारद मिले 5 डॉ पारुल चौरसिया, डॉ अनुपम डीके, डॉ अंकित, डॉ नेहा, डॉ रिया को नोटिस़ दिया।
डाक्टरों के हित के लिए भी अड़े
ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों के आराम के लिए बनाए गए रूम में पलंग पर फाइलें और दवाइयों का ढेर देखकर संभागायुक्त भड़क उठे। इसके जवाब में एमटीएच अस्पताल की प्रभारी अधिकारी डॉ अनुपमा दावे की नेगेटिव रिपोर्ट देखकर अस्पताल से हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इनकी वजह से ही अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार है। उसके बाद मेल अटेंडर ने मरीज की जानकारी नहीं मिलने की शिकायत की, जिस पर एक हेल्पडेस्क बनाकर बाहर जानकारी देने के निर्देश दिए।
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