नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने बुधवार को कहा कि उन्हें बृहस्पतिवार को डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) विधेयक (Digital Personal Data Protection (DPDP) Bill) संसद (Parliament) में प्रस्तुत ( introduced) होने की उम्मीद है। उन्होंने राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास (John Brittas) के इस आरोप को नकार दिया कि डीपीडीपी विधेयक को संचार व आईटी के लिए बनी स्थायी समिति को पहले से दिया गया है। चंद्रशेखर ने कहा, वह गलत जानकारी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। स्थायी समिति ने खुद ही नागरिकों की निजता और डाटा संरक्षण (Privacy and data protection of citizens) विषय का मूल्यांकन किया, पुराने मसौदे को देखा और टिप्पणी की है।
लोकसभा में बुधवार को विपक्ष के हंगामे के कारण दिल्ली में अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति मामले में उपराज्यपाल को अधिक अधिकार देने वाले राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन संशोधन विधेयक पर चर्चा नहीं हो पाई। सरकार की योजना इस विधेयक को बुधवार को ही लोकसभा से पारित करा कर गुरुवार को राज्यसभा में पेश करने की थी। सरकार अब बृहस्पतिवार को इसे लोकसभा से पास करा सकती है।
विपक्ष की मांग पर सभापति धनखड़ की दो टूक
वहीं, राज्यसभा में विपक्षी दलों के मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के बयान की मांग पर अड़े रहने के बीच सभापति जगदीप धनखड़ (Chairman Jagdeep Dhankhar) ने बुधवार को स्पष्ट कहा कि वह प्रधानमंत्री को सदन में आने का निर्देश नहीं दे सकते और न ही देंगे। संसद का मानसून सत्र के शुरू होने के बाद से ही विपक्षी सदस्य मणिपुर के मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा और प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहे हैं। उच्च सदन की बैठक सुबह शुरू होने पर सभापति धनखड़ ने कहा कि उन्हें मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत 58 नोटिस मिले हैं। उन्होंने नोटिस को अस्वीकार करते हुए कहा कि मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्होंने पहले ही व्यवस्था दी थी और सरकार भी चर्चा के लिए तैयार थी। इसके बाद उन्होंने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने का मौका दिया।
खरगे ने कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत एक नोटिस दिया है और उसमें स्पष्ट किया है कि क्यों पीएम को सदन में आकर बयान देना चाहिए। इस पर धनखड़ ने कहा, सदन उतना ही प्रधानमंत्री का है, जितना किसी अन्य सांसद का है। उन्हें आने का निर्देश नहीं दे सकते । इसके बाद विपक्ष ने जोरदार नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा रेलवे
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि भारतीय रेलवे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय कर रहा है। इसी कड़ी में 866 रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। रेल मंत्री ने लोकसभा को यह भी बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों के पास स्थित रेलवे स्टेशनों पर विशेष रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की तैनाती सहित विशेष व्यवस्था की गई है। इससे सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
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