नई दिल्ली (New Dehli) । अविश्वास (disbelief) प्रस्ताव (Proposal) पर 8 अगस्त से चर्चा का दौर (round ) शुरू होने जा रहा है, जो 10 अगस्त तक चलेगा। संभावनाएं (the possibilities) जताई जा रही हैं कि प्रधानमंत्री (Prime Minister )नरेंद्र मोदी इस प्रस्ताव पर आखिरी दिन जवाब (answer )दे सकते हैं।
भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की तारीख तय हुई थी कि राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ भी विपक्ष के एकजुट होने की अटकलें शुरू हो गई हैं। खबर है कि विपक्षी दल धनखड़ के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव पर मंथन कर रहे हैं। हालांकि, इसे लेकर विपक्ष की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
आरोप लगाए जा रहे हैं कि ऊपरी सदन में विपक्ष को काम करने का पर्याप्त मौका नहीं मिल पा रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया मंगलवार को दो पार्टियां इस मत में थीं कि INDIA गठबंधन को राज्यसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए। कहा जा रहा है कि उन्होंने सदन में प्रबंधन को लेकर सवाल उठाए थे। साथ ही इन शिकायतों में पक्षपात, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अपमान जैसी बातें शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया है कि विपक्ष की बैठक में सभी पार्टियां इससे सहमत थीं और आगे की योजना पर चर्चा की गई। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘उनकी बातों को सुना गया है, लेकिन अब तक नेतृत्व की तरफ से इसे लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है।’
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 8 अगस्त से चर्चा का दौर शुरू होने जा रहा है, जो 10 अगस्त तक चलेगा। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रस्ताव पर आखिरी दिन जवाब दे सकते हैं। साथ ही वह तीनों दिन बहस के दौरान संसद में उपस्थित भी रह सकते हैं। दरअसल, ऐसा माना जा रहा है कि विपक्ष ने मणिपुर मुद्दे पर पीएम के बयान के लिए अविश्वास प्रस्ताव का दांव चला है।
क्या कहता है संख्याबल
NDA को लोकसभा में बहुमत सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। अपने 301 सांसदों के साथ, राजग के पास लोकसभा में कुल 325 सांसद हैं। इसके अलावा 12 सांसदों वाली बीजद ने भी घोषणा की है कि वह अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करेगी। दूसरी ओर, विपक्षी गठबंधन के पास लोकसभा में कुल 140 सांसदों की ताकत है।
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