– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में विविध विषय शामिल होते हैं। वह देश में होने वाले विशेष कार्यों का उल्लेख करते हैं। इसके माध्यम से वह व्यापक संदेश देते हैं। लोगों को जागरूक करते हैं। इस बार उन्होंने श्रावण मास की चर्चा की। इसमें श्री काशी विश्वनाथ धाम और उज्जैन का उल्लेख किया। इसमें पौधरोपण और जल संरक्षण का भी संदेश था। अमेरिका से वापस मिलीं मूर्तियां मोदी की विदेश नीति की सफलता है। मुस्लिम महिलाओं को हज यात्रा की विशेष सुविधा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब का आधार व्यक्त किया। ‘मन की बात’ में उत्तर प्रदेश के भी संदर्भ थे। इनका महत्व केवल इस प्रदेश तक सीमित नहीं था। बल्कि देश के लिए भी इनका महत्व है। शायद इसीलिए प्रधानमंत्री ने इनका विशेष रूप से उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीती 22 जुलाई को प्रदेश में हुए रिकॉर्ड 30.21 करोड़ पौधरोपण अभियान की सराहना की। प्रधानमंत्री ने संदेश दिया कि इस तरह के कार्यक्रम जनभागीदारी के बिना नहीं हो सकते। योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात कार्यक्रम को लाइव सुना। प्रशंसा के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
यह सच है कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश में पौधरोपण ‘जन-आंदोलन’ का रूप ले चुका है। मुख्यमंत्री का कहना है कि हम सभी हरित उत्तर प्रदेश के निर्माण के प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भी पांच करोड़ पौधरोपण के लिए संकल्पित हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लोगों से पौधरोपण और जल संरक्षण का आह्वान किया। इस भाव को पवित्र श्रावण मास से जोड़ा। कहा कि इस समय सावन का पवित्र महीना चल रहा है। सदाशिव महादेव की साधना और अराधना के साथ ही सावन हरियाली और खुशियों से जुड़ा होता है। इस महीने का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। इन दिनों बारह ज्योतिर्लिंगों में खूब श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बनारस में रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु पहुंचे हैं। अब काशी में हर साल दस करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंच रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ समय-समय पर काशी पहुंच कर वहां विकास कार्यों और तीर्थयात्रियों की सुविधाओं का जायजा लेते हैं। इसी प्रकार योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री के मेरी माटी, मेरा देश अभियान को प्रदेश में सफल बनाने का प्रयास शुरू कर दिया है। मन की बात में मोदी ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत गांव-गांव, कोने-कोने से 7500 कलश में माटी लेकर कलश यात्रा निकाली जाएगी। मिट्टी के अलावा पेड़ भी लाए जाएंगे। इसी के साथ दिल्ली में अमृत वाटिका का निर्माण किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने अमृत सरोवर का भी उल्लेख किया। कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान बने साठ हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों मे भी रौनक बढ़ गई है। अभी पचास हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों को बनाने का काम चल भी रहा है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश अमृत सरोवर निर्माण में नंबर वन है। स्वतंत्रता दिवस पर सभी अमृत सरोवर के किनारे पौधरोपण किया जाना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में मानसून के दौरान देश के कई राज्यों में बाढ़ की विभीषिका का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमने एक बार फिर से साहस और संकल्प का परिचय दिया है। इस संदर्भ में भी योगी आदित्यनाथ का कार्य उल्लेखनीय है। वह उज्जैन पर भी बोले। कहा, उज्जैन में देश के 18 चित्रकार, पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएं बना रहे हैं। ये चित्र, बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कई विशिष्ट शैलियों में बनेंगे। इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा। इस क्रम में उन्होंने अमेरिका द्वारा वापस की गई मूर्तियों की चर्चा की। कहा कि ये मूर्तियां 2500 साल से लेकर 250 साल तक पुरानी कलाकृतियां हैं। चोल युग की कई मूर्तियां इसमें शामिल हैं। भगवान गणेश की 1000 वर्ष पुरानी प्रतिमा, उमा महेश्वर की मूर्ति जो 1100 वर्ष पुरानी है, पत्थरों से बनी दो जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां, भगवान सूर्य देव की प्रतिमा को भी अमेरिका ने भारत को लौटाया है। इसमें एक कलाकृति 16वीं-17वीं शताब्दी की है जो समुद्र मंथन को दर्शाती है। मन की बात में मोदी ने कहा कि उन्हें उन मुस्लिम महिलाओं से भी बड़ी संख्या में पत्र मिले हैं जो हाल ही में ‘हज’ पूरा करके लौटी हैं। इन महिलाओं ने बिना किसी पुरुष साथी या ‘मेहरम’ के ‘हज’ किया। इनकी संख्या 4,000 से ज्यादा है। यह एक बहुत बड़ा बदलाव है।
(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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