हैदराबाद । हैदराबाद के आखिरी निज़ाम (Last Nizam of Hyderabad) मीर उस्मान अली खान (Mir Osman Ali Khan) के पोते (Grandson) प्रिंस शहामत जाह (Prince Shahamat Jah) का संक्षिप्त बीमारी के बाद (After Brief Illness) निधन हो गया (Passed Away) । वह 68 वर्ष के थे। रविवार शाम को उन्होंने हैदराबाद के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली।उन्हें सोमवार तड़के मस्जिद-ए-जूदी, किंग कोठी से सटे कब्रिस्तान में दफनाया गया, जहां उनके दादा को दफनाया गया था।
शहामत जाह का जन्म मीर शुजात अली खान मोअज्जम जाह बहादुर और अनवरी बेगम से हुआ था।अपने पिता की तरह, जो उर्दू में कविता लिखते थे और अपने उपनाम शाजी से जाने जाते थे, शहमत जाह भी एक उर्दू कवि थे और उन्होंने कुछ संग्रह प्रकाशित किए। वह ‘मुशायरों’ की मेजबानी करके उर्दू शायरी को बढ़ावा देने में सक्रिय थे।शहामत जाह की दो शादियां असफल रहीं और वह निःसंतान थे। वह रेड हिल्स स्थित अपने घर में अकेले रह रहे थे और हाल ही में संपत्ति बेचने के बाद वह बंजारा हिल्स में अपनी बहन के घर चले गए थे।
शहामत जाह के पिता मोअज्जम जाह हैदराबाद राज्य के अंतिम शासक मीर उस्मान अली खान के दूसरे बेटे थे। शहर के एक प्रमुख स्थल मोअज्जम जाही मार्केट का नाम उनके नाम पर रखा गया है।मोअज्जम जाह की पहली पत्नी राजकुमारी निलोफर थीं, जो अंतिम तुर्की सुल्तान और खलीफा प्रिंस अब्दुल मजीद की भतीजी थीं। दम्पति की कोई संतान नहीं थी। निलोफर अपने पति को छोड़कर फ्रांस में बस गईं।मोअज्जम जाह ने बाद में रजिया बेगम से शादी कर ली थी। शाहमत जाह उनका इकलौता बेटा था, जो तीसरी पत्नी अनवरी बेगम से पैदा हुआ था।इस साल निज़ाम के परिवार में यह दूसरी मौत है।
हैदराबाद के आठवें निज़ाम मीर बरकत अली खान मुकर्रम जाह बहादुर का 14 जनवरी को तुर्की में निधन हो गया था।उनके पार्थिव शरीर को हैदराबाद लाया गया और ऐतिहासिक मक्का मस्जिद के लॉन में दफनाया गया।शाहमत जाह मुकर्रम जाह और मीर करामत अली खान मुफ्फखम जाह बहादुर के पहले चचेरे भाई थे।मुकर्रम जाह और मुफ्फखम जाह उस्मान अली खान के पहले बेटे मीर हिमायत अली खान आजम जाह बहादुर के बेटे हैं।मुफ्फखम जाह, निज़ाम परिवार के प्रमुख मुखिया अज़मेत जाह और उनकी मां राजकुमारी एसरा ने शहामत जाह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
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