अयोध्या: मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के बाद जनवरी 2024 में रामलला (ramlala) की उनके भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा (Prana Pratishta) होगी. इससे पहले रविवार 30 जुलाई दोपहर बाद से श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन का मार्ग बदल दिया गया है. राम पथ से होकर जाने वाले इस जन्मभूमि पथ पर दर्शनार्थियों की सुविधा की सभी मूलभूत व्यवस्था की गई है. इससे न सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए मंदिर तक पहुंचने की दूरी कम हो जाएगी बल्कि रास्ते में ही सभी मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया हो सकेगी .
दरअसल, अभी तक अयोध्या में रामलला का दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालु श्रृंगार हाट बैरियर से हनुमानगढ़ी मंदिर के रास्ते दशरथ महल होकर जाते थे . इस मार्ग पर चेकिंग पॉइंट से गुजरते हुए रंगमहल बैरियर, जिसे सिक्योरिटी की दृष्टि से क्रासिंग 2 भी कहते हैं, उससे दर्शनार्थी मंदिर में प्रवेश करते थे. रविवार से यह मार्ग पूरी तरह बंद कर दिया गया है. दशरथ महल होकर श्री राम मंदिर तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब रामगुलेला मंदिर के सामने से जन्मभूमि पथ की ओर जाना होगा. यानी सीधे शब्दों में कहें तो दर्शन का पुराना मार्ग बंद कर दिया गया है और जन्मभूमि पथ दर्शन का नया मार्ग हो गया है.
अब रामलला के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को राम पथ पर बिरला धर्मशाला के सामने से सुग्रीव किला होकर दर्शन के लिए जाना होगा. इस जन्मभूमि पथ की लंबाई श्री राम मंदिर तक लगभग 800 मीटर और चौड़ाई 80 फीट है. हालांकि मंदिर परिसर के पास तक पहुंचने के लिए उन्हें लगभग 600 मीटर की ही दूरी तय करनी होगी. इस नए मार्ग से दर्शनार्थियों को दर्शन के लिए पहले की अपेक्षा कम दूरी है और दर्शन भी सुगमता से होगा.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लंबे समय तक चल रहा मंदिर मस्जिद का विवाद हल हुआ. इसी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम जन्म भूमि मंदिर का भूमि पूजन किया. भूमि पूजन के समय तक रामलला को त्रिपाल से बने मंदिर से निकालकर अस्थाई मंदिर में शिफ्ट कर दिया गया था. इसी के बाद रामलला के दर्शन के लिए भक्तों की थी बढ़नी शुरू हो गई. यह संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. भीड़ बढ़ने के कारण दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी लाइन लगने लगी. श्री राम मंदिर बनने के साथ क्राउड मैनेजमेंट को लेकर भी राम मंदिर ट्रस्ट और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच गहन मंत्रणा हुई थी. इसी के बाद सड़कों के चौड़ीकरण और मंदिर मार्ग में बदलाव का फैसला हुआ था.
जन्मभूमि पथ पर राम भक्तों के लिए कई तरह की सुविधाएं विकसित की गई है. इस मार्ग पर दो जगह दर्शनार्थी सुविधा केंद्र बनाए गए हैं. श्री राम मंदिर में सुबह और शाम की आरती के लिए पास भी यहीं से मिलेंगे. दर्शनार्थी यहां बैठकर आराम कर सकते हैं, इसी केंद्र में उनको होम्योपैथिक दवाइयां, स्वच्छ जल, वृद्ध और विकलांग लोगों के लिए ट्राई साइकिल सभी कुछ मुहैया होगा. श्री राम मंदिर के लिए अगर कोई दान देना चाहता है तो उसके लिए भी यहा कई काउंटर बनाए गए हैं.
रामलला का दर्शन करने के लिए श्रद्धालु किसी मार्ग से आए लेकिन उनको श्री राम जन्मभमि मंदिर तक पहुंचने के लिए राम पथ से होकर जाना होगा. राम पथ से मंदिर तक जाने के लिए तीन अन्य मार्ग बनाए गए हैं, जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ और सुग्रीव पथ. इसी के साथ मालवाहक वाहनों के संचालन के लिए युसूफ आरा मशीन के पास से श्री राम जन्मभूमि परिसर तक जाने के लिए भी एक नए मार्ग का निर्माण किया गया है. इस मार्ग के निर्माण के पीछे मंदिर निर्माण कार्य की सामग्री लेकर रोज आने वाली बड़ी संख्या में गाड़ियां हैं, जिनके कारण राम पथ पर अक्सर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.
इसी के साथ अशर्फी भवन से रामकोट के बैरियर तक एक और मार्ग तैयार किया जा रहा है. यह पूरा क्षेत्र रामकोट क्षेत्र कहा जाता है. इस पूरे क्षेत्र को नए सिरे से विकसित करने के लिए राम मंदिर ट्रस्ट प्रयासरत है और इसी क्रम में जन्मभूमि पथ के निकट एक चौराहे के निर्माण की भी योजना है. यही नहीं रामकोट क्षेत्र के कई मंदिरों को भी श्री रामजन्मभूमि परिसर का हिस्सा बनाने की तैयारी है जिससे इस पूरे क्षेत्र को बेहतर ढंग से विकसित कर राम भक्तों को समुचित सुविधाएं मुहैया कराई जा सके.
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