नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल ग्राम पंचायत चुनाव में टीएमसी की ओर से जीत कर आए एक नेता की दक्षिण 24 परगना जिले में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। उनके साथ मौजूद एक अन्य व्यक्ति गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। बंगाल पंचायत चुनाव में हिंसा का दौर लगातार इस ही तरह जारी है। पुलिस इस नए मामले की जांच में जुट गई है। हालांकि पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह हत्या राजनीतिक या निजी दुश्मनी के रहते हुई है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना तब हुई जब मगराहाट पूर्वी ग्राम पंचायत सदस्य मैमुर घरामी शुक्रवार देर रात घर लौट रहे थे। पुलिस ने बताया कि अज्ञात बंदूकधारियों ने टीएमसी नेता पर गोलियां चला दीं और उन्हें पूरी तरह मारने के लिए किसी नुकीले हथियार कई वार भी किए हैं।
अधिकारी ने कहा कि दोनों घायलों को पहले मगराहाट ग्रामीण अस्पताल और बाद में डायमंड हार्बर सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया, जहां घरामी को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, अधिकारी ने कहा कि दूसरे शख्स मोल्ला का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
अधिकारी ने कहा कि दोनों व्यक्तियों को पहले मगराहाट ग्रामीण अस्पताल और बाद में डायमंड हार्बर सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया, जहां घरामी को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, अधिकारी ने कहा कि मोल्ला का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बयान दिया था कि राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाओं में लोगों की मौत होने से वह दुखी हैं। बनर्जी ने कहा था कि हिंसा के पीछे जो लोग हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उनकी सरकार ने पुलिस को खुली छूट दे दी है। उनके मुताबिक चुनाव 71,000 बूथ पर हुए लेकिन हिंसा की घटनाएं 60 से कम बूथ पर हुईं हैं।
जबकि बंगाल भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने नतीजों को लेकर कहा था कि यह जनादेश नहीं है, अब चुनाव के बाद हिंसा शुरू हो गई है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय बलों को ठीक से तैनात नहीं किया गया था, संवेदनशील बूथों पर डेटा साझा नहीं किया गया था और केंद्रीय बलों की मौजूदगी के बावजूद 45 लोगों की हत्या से पता चलता है कि यह राज्य प्रायोजित हत्याएं थी।
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