इन्दौर। पिछले कई दिनों से शहर के अलग-अलग वार्डों में संजीवनी क्लिनिक और पॉली क्लिनिक का निर्माण कार्य निगम द्वारा कराया जा रहा है। 90 स्थानों पर जमीनें ढूंढने के बाद निगम ने टेंडर जारी कर अलग-अलग ठेकेदारों को इसके काम सौंपे थे। इनमें से पांच संजीवनी क्लिनिक बनकर तैयार हो गए हैं, जबकि शेष का काम आने वाले एक से दो माह में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद वहां स्वास्थ्य विभाग की मदद से डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की तैनाती कराई जाएगी।
मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर नगर निगम ने भी इन्दौर में संजीवनी क्लिनिक और पॉली क्लिनिक का काम शुरू कराया था। इसके लिए सभी झोनलों को अलग-अलग स्थानों पर जमीनें ढूंंढने को कहा गया था। कई स्थानों पर पानी की टंकी के आसपास के खुले इलाकों में तो कहीं झोनलों के आसपास खाली पड़ी जमीनों पर इसके निर्माण कार्य के प्रस्ताव तैयार किए गए। नगर निगम अधिकारियों के मतुाबिक बड़ पैमाने पर इसके लिए टेंडर जारी किए गए थे। सबसे ज्यादा जमीनों को लेकर मशक्कत चली, जिसके कारण यह काम देरी से शुरू हो पाया। सर्वाधिक मिल क्षेत्र और गरीब बस्तियों में इनके निर्माण को लेकर ज्यादा ध्यान दिया गया है, क्योंकि इन क्षेत्रों में मेडिकल सुविधाएं कम होने के कारण लोग परेशान होते रहे हैं।
अहीरखेड़ी क्षेत्र में नहीं मिल रही है जमीन
अहीरख़ेडी और वार्ड 82 के कुछ अन्य क्षेत्रों में संजीवनी क्लिनिक और पॉली क्लिनिक के लिए जमीनें ढूंढने का काम अभी भी चल रहा है। वहां कई तंग बस्तियां हैं, जिसके चलते संजीवनी क्लिनिक का निर्माण होना है और ऐसे में निगम के अधिकारी वहां कई स्थानों पर लगातार जमीनों की खोजबीन में जुटे हैं, ताकि जमीन मिलने पर वहां काम शुरू कराया जा सके।
पॉली क्लिनिक 50 लाख से तो संजीवनी क्लिनिक 25 लाख में हो रहे हैं तैयार
नगर निगम ने शहर के करीब 80 से ज्यादा वार्डों में संजीवनी क्लिनिक और पॉली क्लिनिक के लिए जमीनें ढूंढने के बाद वहां के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। अफसरों के मुताबिक पॉली क्लिनिक के निर्माण पर 50 लाख रुपये और संजीवनी क्लिनिक के निर्माण पर 25 लाख रुपये की राशि खर्च हो रही है। इनमें कई स्थानों पर बने 31 पुराने पॉली क्लिनिक भी हैं, जिनका सुधार कार्य निगम द्वारा कराया जा रहा है। इनमें से पांच बनकर तैयार हो गए हैं और आने वाले दो माह में अन्य संजीवनी क्लिनिक बनकर तैयार होंगे।
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