भोपाल: लोकसभा चुनाव से पहले इस साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को 2024 का सेमीफाइनल माना जा रहा है. राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव है. इन पांच राज्यों के चुनाव में बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा चुनौती भी मध्य प्रदेश में नजर आ रही है, क्योंकि वो सत्ता में है और बाकी राज्यों में तो पार्टी को सत्ता विरोधी लहर का लाभ मिल सकता है. मध्य प्रदेश की चुनावी कमान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने हाथों में ले ली है और तबड़तोड़ दौरे करके माहौल को भाजपामय बनाने में जुट गए हैं.
विधानसभा चुनाव ही नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी बीजेपी के लिए मध्य प्रदेश काफी अहम माना जा रहा है. विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सामने सरकार बचाने की लड़ाई है. लोकसभा में एमपी की 29 सीटों में से 28 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, जिन्हें विधानसभा का चुनाव जीतकर ही बचाए रखा जा सकता है. ऐसे में बीजेपी अपने एकलौते राज्य की सत्ता को बचाए रखने की जद्दोजहद कर रही है. शिवराज सिंह चौहान लोकलुभावने वादे कर रहे हैं, लेकिन हवा का रुख अपनी तरफ नहीं मोड़ पा रहे हैं. ऐसे में अमित शाह और उनकी टीम ने मध्य प्रदेश की चुनावी कमान संभाली है.
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को एमपी चुनाव का प्रभारी और अश्विनी वैष्णव को सहप्रभारी नियुक्त बनाया गया. अब अमित शाह ने मध्य प्रदेश के तबड़तोड़ दौरे शुरू कर दिए हैं. पिछले एक महीने में तीन बार दौरा कर चुके हैं. अमित शाह ने बुधवार को देर रात एमपी नेताओं के साथ बैठक कर चुनावी मंथन किया और जीत दर्ज करने के लिए खास रणनीति बनाने में जुटे हैं. गुरुवार को अमित शाह सुबह दिल्ली लौटे हैं, लेकिन 29 जुलाई को दोबारा से भोपाल पहुंचेंगे. पिछले 18 दिनों में होने वाली तीसरी बैठक में वे पिछली दो बैठकों में दिए गए टास्क का फॉलोअप लेंगे.
अमित शाह शनिवार को देर रात तक भोपाल में बैठक करने के बाद 30 जुलाई को इंदौर पहुंचेगे, जहां परशुराम की जन्मस्थली पर पहुंचकर ब्राह्मणों को साधने की कवायद करेंगे. इसके बाद इंदौर के बीजेपी दफ्तर में बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित कर जीत को मंत्र देंगे. कार्यकर्ता सम्मेलन की जिम्मेदारी कैलाश विजयवर्गीय के कंधों पर है. माना जा रहा है कि 30 जुलाई को अमित शाह उज्जैन जा सकते हैं और उसके बाद बुरहानपुर में बीजेपी दफ्तर के भूमि पूजन कार्यक्रम में भी शिरकत कर सकते हैं.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अमित शाह के दौरे की रूपरेखा बनाई जा रही है. उज्जैन और ग्वालियर में भी अमित शाह बैठक करेंगे, क्योंकि उन्होंने बुधवार को भोपाल बैठक के दौरान अलग-अलग क्षेत्रों में बूथ कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम रखने के लिए कहा था. इसके बाद ही कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में बैठक कराने का जिम्मा लिया था. इसी तर्ज पर राज्य के प्रमुख इलाके मालवा-निमाड़, ग्वालियर-चंबल, विंध्य, महाकौशल इलाके में बूथ कार्यकर्ता को अमित शाह जीत का मंत्र दे सकते हैं.
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने विजय संकल्प यात्रा निकालने की पठकथा लिखी जा चुकी है. इस यात्रा के जरिए शिवराज सरकार और केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों को घर-घर तक पहुंचने की रणनीति बनाई गई है. विजय संकल्प यात्रा बीजेपी अगस्त या सितंबर महीने में निकाल सकती है. संकल्प यात्रा में बीजेपी के बड़े नेता भी शिरकत करेंगे. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हरी झंडी दिखाएंगे तो कैलाश विजयवर्गीय से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र तोमर, बीडी शर्मा, नरोत्तम मिश्रा जैसे नेता यात्रा में मुख्यरूप से शामिल रहेंगे. इस तरह बीजेपी ने मध्य प्रदेश को जीतने के लिए मजबूत सियासी आधार रखने में जुटी है.
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