भोपाल (Bhopal) । इस साल के आखिर में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव (assembly elections) में भाजपा (BJP) नेतृत्व का सबसे ज्यादा जोर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) पर है। यहां की रणनीति से पार्टी के शीर्ष नेता सीधे जुड़े हैं। गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) लगातार मध्य प्रदेश के दौरे कर चुनावी अभियान को धार दे रहे हैं। पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्रभारियों की टीम ने भी कमान संभाल ली है। अब वह राज्य की एक-एक सीट का फीडबैक लेने के साथ रणनीति तैयार कर रही है। इनकी कोशिश प्रदेश के सभी बड़े नेताओं को एक साथ रखकर आगे बढ़ने की है।
लोकसभा चुनावों की दृष्टि से भी मध्य प्रदेश महत्वपूर्ण है। यहां पर लोकसभा की 29 सीटें हैं। जिनमें से भाजपा के पास 28 सीटें हैं। राजस्थान में भाजपा को कांग्रेस की सत्ता होने से सत्ता विरोधी माहौल का अलग लाभ मिल सकता है। छत्तीसगढ़ में भी उसे इसी माहौल की उम्मीद है। तेलंगाना में नई ताकत बनना है, जबकि मिजोरम में उसकी सहयोगी आगे रहेगी।
ऐसे में भाजपा अपनी सत्ता वाले एक मात्र राज्य मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही है, जिससे उसकी लोकसभा चुनाव की रणनीति भी प्रभावी बनी रहे। सूत्रों के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा व गृह मंत्री अमित शाह लगातार प्रदेश के नेताओं के संपर्क में हैं। चूंकि भावी रणनीति चुनाव प्रभारियों की टीम तय कर रही है, इसलिए बड़े नेताओं के कार्यक्रम भी उसी हिसाब से तैयार किए जा रहे हैं।
भोपाल के बाद इंदौर जाएंगे शाह
बीते दिनों अमित शाह ने भोपाल में प्रदेश कोर ग्रुप के प्रमुख नेताओं से लंबी मंत्रणा की थी। अब शाह 30 जुलाई को फिर से राज्य के दौरे पर रहेंगे और इंदौर में बूथ कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस बीच पार्टी की केंद्रीय टीम ने हर विधानसभा क्षेत्र का फीडबैक लेने के साथ मीडिया व प्रचार प्रबंधन पर काम भी शुरू कर दिया है। किस क्षेत्र में किस मुद्दे पर जोर देना है। किस क्षेत्र की क्या समस्या है, उसे कैसे हल किया जाना है, इसका ब्योरा तैयार किया जा रहा है। साथ ही उस क्षेत्र में अब तक कितना काम किया गया है, उसे भी जनता तक पहुंचाया जाएगा।
यात्राओं से पूरे प्रदेश को मथेगी पार्टी
इस बीच पूरे राज्य को मथने के लिए पार्टी विजय संकल्प यात्राओं की तैयारी भी कर रही है। इस तरह की पांच यात्राएं सागर, जबलपुर, चित्रकूट, उज्जैन व ग्वालियर से निकाली जाएंगी। इससे प्रदेश के सारे क्षेत्रों को कवर किया जाएगा। चित्रकूट की यात्रा को विंध्य प्रदेश पर केंद्रित किया जाएगा, तो सागर की यात्रा में बुंदेलखंड अहम रहेगा। जबलपुर से महाकौशल व उज्जैन की यात्रा से मालवा को साधा जाएगा। ग्वालियर की यात्रा से चंबल-ग्वालियर क्षेत्र को कवर किया जाएगा।
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