कोलकाता । प्रवर्तन निदेशालय (ED) अभिषेक बनर्जी के खिलाफ (Against Abhishek Banerjee) गिरफ्तारी सहित (Including Arrest) कोई भी दंडात्मक कार्रवाई (Any Coercive Action) 31 जुलाई तक (Till July 31) नहीं करेगा (Will Not Take) । ईडी ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती घोटाले में केंद्रीय एजेंसी की चल रही जांच के संबंध में 31 जुलाई तक तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के खिलाफ गिरफ्तारी सहित कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगा।
यह मामला बुधवार को न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल पीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था। सुनवाई अब 31 जुलाई तक के लिए टाल दी गई। मामला इस बात से जुड़ा है कि क्या केंद्रीय एजेंसियां मामले में बनर्जी को तलब करेंगी और पूछताछ करेंगी, जिसके लिए मूल आदेश न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने दिया था। बाद में मामला न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्होंने भी न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के पहले के आदेश को बरकरार रखा। इसके बाद बनर्जी के वकील ने न्यायमूर्ति सिन्हा के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
हालाँकि, भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की खंडपीठ ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और इसके बजाय सलाह दी कि बनर्जी आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत याचिका के साथ उच्च न्यायालय में जा सकते हैं। तदनुसार, बनर्जी के वकील ने न्यायमूर्ति घोष की एकल-न्यायाधीश पीठ का रुख किया। हाल ही में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मामले में अभिषेक बनर्जी से पूछताछ की थी। बाद में उन्हें इस मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने भी बुलाया था, जिसे उन्होंने टाल दिया था।
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