नई दिल्ली । केंद्र सरकार (Central Government) ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में आवेदन देकर (By Applying in the Supreme Court) वर्तमान ईडी निदेशक (Present ED Director) संजय मिश्रा (Sanjay Mishra) का कार्यकाल बढ़ाने की (To Extend the Tenure) मांग की (Sought) । शीर्ष अदालत के हालिया फैसले के अनुसार उनका कार्यकाल 31 जुलाई को समाप्त होने वाला है।
न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया था। अदालत गुरुवार (27 जुलाई) को केंद्र के आवेदन पर सुनवाई के लिए सहमत हुई। एसजी मेहता ने अदालत से शुक्रवार से पहले केंद्र के विविध आवेदन पर सुनवाई करने का अनुरोध किया।पीठ ने मामले की सुनवाई गुरुवार अपराह्न 3:30 बजे तय की। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को दिए गए एक फैसले में 2021 में शीर्ष अदालत के फैसले का उल्लंघन करने के लिए ईडी प्रमुख संजय कुमार मिश्रा के विस्तार को “अवैध” करार दिया।
हालांकि, शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें 31 जुलाई तक पद पर बने रहने की अनुमति दी थी। अदालत ने माना था कि मिश्रा को दिया गया विस्तार इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की एक खंडपीठ द्वारा 2021 के पहले दिए गए फैसले के विपरीत था। मिश्रा को पहली बार नवंबर 2018 में दो साल के कार्यकाल के लिए ईडी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल नवंबर 2020 में समाप्त हो गया। मई 2020 में वह 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति की आयु तक पहुंच गए थे।
हालाँकि, 13 नवंबर 2020 को केंद्र सरकार ने एक कार्यालय आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि राष्ट्रपति ने 2018 के आदेश को इस आशय से संशोधित किया था कि ‘दो साल’ की अवधि को ‘तीन साल’ की अवधि में बदल दिया गया था। इसे एनजीओ कॉमन कॉज ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2021 के फैसले में संशोधन को मंजूरी दे दी, लेकिन मिश्रा को और विस्तार देने के खिलाफ फैसला सुनाया।
वर्ष 2021 में अदालत के फैसले के बाद केंद्र सरकार केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) अधिनियम में संशोधन करते हुए एक अध्यादेश लेकर आई, जिससे उसे ईडी निदेशक के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने की शक्ति मिल गई। इस संबंध में संसद द्वारा एक कानून पारित किया गया था, जिसमें ईडी निदेशक के कार्यकाल को एक बार में एक वर्ष के लिए बढ़ाने की अनुमति दी गई थी, जो अधिकतम पांच साल तक हो सकता है।
कोर्ट ने 11 जुलाई को आदेश दिया, “सीवीसी अधिनियम और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम को चुनौती इस हद तक खारिज की जाती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संजय कुमार मिश्रा को दिया गया विस्तार अवैध है। हालांकि, उन्हें 31 जुलाई 2023 तक पद पर बने रहने की अनुमति है।”
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