उज्जैन। प्रसिद्ध संत मोरारी बापू राम कथा मानस-900 नामक एक विशेष रामकथा का आयोजन कर रहे हैं। इसके लिए कैलाश भारत गौरव और चित्रकूट भारत गौरव नामक दो विशेष ट्रेनें भी चलाई गई हैं, जिनसे 1008 लोग की यात्रा को पूरा करेंगे। देश के सभी द्वादश ज्योतिर्लिंगों पर मोरारी बापू की राम कथा का आयोजन होगा। 5 अगस्त को यह यात्रा उज्जैन पहुँचेगी। देश के प्रसिद्ध संत मोरारी बापू अपने 1008 शिष्यों और श्रद्धालुओं के साथ एक विशेष रामकथा का आयोजन कर रहे हैं। इस रामकथा को रामकथा मानस-900 का नाम दिया गया है। इसके लिए कैलाश भारत गौरव और चित्रकूट भारत गौरव नामक दो विशेष ट्रेनें भी चलाई गईं हैं जिनसे सभी लोग देश के 12 ज्योतिर्लिंगों तक की यात्रा को पूरा करेंगे। देश के सभी द्वादश ज्योतिर्लिंगों पर मोरारी बापू राम कथा का आयोजन करेंगे। मोरारी बापू और सभी श्रद्धालु काशी विश्वनाथ में रामकथा का आयोजन किया मोरारी बापू की यात्रा 8 अगस्त को गुजरात के तलगाजार्डा में पूरी हो जाएगी। मोरारी बापू की यह विशेष रामकथा 22 जुलाई को उत्तराखंड में केदारनाथ से शुरू हुई थी, जहाँ मोरारी बापू ने हेलीकॉप्टर से जाकर और मंदिर परिसर में भीमशिला के करीब रामकथा कही। 24 जुलाई को काशी-विश्वनाथ धाम में मोरारी बापू की रामकथा के बाद आज 25 जुलाई को वैद्यनाथ धाम झारखंड में मोरारी बापू की रामकथा हो रही है। इसी क्रम में 26 जुलाई को जगन्नाथ पुरी उड़ीसा में मोरारी बापू की विशेष रामकथा का आयोजन होगा। मोरारी बापू की रामकथा यात्रा तमिलनाडु के रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग में 28-29 जुलाई को होगी।
इसके बाद रामकथा मानस-900 का अगला पड़ाव 30 जुलाई को तिरुपति बालाजी मंदिर में होगा। मोरारी बापू के मुताबिक सनातन धर्म की सामूहिक चेतना को बढ़ाने की कोशिश के तहत विशेष रामकथा यात्रा 31 जुलाई को नागेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में प्रवेश करेगी। इसके बाद 1 अगस्त को भीमाशंकर, 2 अगस्त को त्र्यंबकेश्वर, 3 अगस्त को घृष्णेश्वर में रामकथा होगी। 4 अगस्त को मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर, 5 अगस्त को उज्जैन के महाकालेश्वर और 6 अगस्त को गुजरात के द्वारिकाधीश मंदिर में रामकथा का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद 7 अगस्त को नागेश्वर, सोमनाथ और 8 अगस्त को तलगाजार्डा में रामकथा के आयोजन के साथ यात्रा समाप्त होगी। मोरारी बापू ने इस यात्रा के बारे में कहा कि भारत में सदियों से यात्रा करने की परंपरा रही है। आदि शंकराचार्य ने चारों धामों की स्थापना की और द्वादश ज्योतिर्लिंगों की यात्रा की थी। मोरारी बापू ने कहा कि अपनी इस यात्रा के जरिये वे न तो इतिहास दोहराने की कोशिश कर रहे हैं ना यह रिकॉर्ड बनाने का कोई प्रयास है। मोरारी बापू ने कहा कि ‘मैं जिनकी कथा गाता हूँ, उनका प्राकट्य नवमी को हुआ था। इसलिए मैं कथा भी समान रूप से 9 दिन की गाता हूं,Ó गौरतलब है कि मोरारी बापू ने हवाई जहाज, समुद्र में तैरते जहाज, ब्रज चौरासी कोस यात्रा और कैलाश-मानसरोवर जैसे दुर्गम जगहों पर भी रामकथा कही है।
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