नई दिल्ली: ब्रिटेन के कट्टरपंथी प्रचारक अंजेम चौधरी को बीते 17 जुलाई (रविवार) को उनके घर से गिरफ्तार किया गया था, जिसके 7 दिन बाद यानी सोमवार (24 जुलाई) को कोर्ट में पेश किया गया. अंजेम पर आतंकवादी संगठन का नेतृत्व करने का आरोप लगाया गया. 56 वर्षीय चौधरी पर टेररिस्ट एक्ट के तहत तीन मामलों में आरोप लगाए गए. इन तीन आरोपों में एक आतंकवादी संगठन को निर्देश देना, दूसरा प्रतिबंधित संगठन में सदस्यता लेना और तीसरा जून 2022 और इस महीने के बीच संगठन के लिए समर्थन हासिल करने के लिए बैठकों को संबोधित करना शामिल है.
अंजेम चौधरी पर आरोप है कि उनका संबंध मुस्लिम समूह अल-मुहाजिरोन से है, जिसे 2010 में ब्रिटिश सरकार ने गैरकानूनी घोषित कर दिया था. अंजेम चौधरी ब्रिटेन में खलीफा शासन लागू कर चाहता है. इसके अलावा वो ब्रिटेन में रहने वाले हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलता रहता है.
अंजेम चौधरी के अलावा कनाडाई नागरिक गिरफ्तार
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार अंजेम चौधरी ने इस्लामिक थिंकर्स सोसाइटी के लिए ब्रिटेन में एक इस्लामिक राज्य की स्थापना और कट्टरपंथी बनाए जाने के तरीके पर बात जोर देता है. अंजेम चौधरी को बीते 17 जुलाई को घर से गिरफ्तार किया गया था.
इसके बाद ठीक उसी दिन एक और 28 वर्षीय कनाडाई नागरिक खालिद हुसैन को भी हीथ्रो एयरपोर्ट से प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन का सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. पुलिस का आरोप है कि खालिद हुसैन ने अंजेम चौधरी के साथ मिलकर ऑनलाइन काम किया है.
बकरी मोहम्मद का छात्र बताया
द गार्जियन के रिपोर्ट के मुताबिक अंजुम चौधरी हली बार अल-मुहाजिरोन के प्रवक्ता के रूप में सामने आया था. इसकी स्थापना टोटेनहम अयातुल्ला उमर बकरी मुहम्मद ने की थी. अंजुम चौधरी ने गर्व से खुद को बकरी मोहम्मद का छात्र बताया था.
साल 1996 में बकरी मुहम्मद को हिज्ब उत-तहरीर (लिबरेशन पार्टी) की यूके शाखा के नेता के रूप में बर्खास्त कर दिया गया था. इसके बाद बकरी मुहम्मद ने अल-मुहाजिरौन की स्थापना की, जिसे उन्होंने अपने इजरायल विरोधी, समलैंगिक विरोधी, उदारवाद विरोधी बयानबाजी के वजह से ब्रिटेन में मुस्लिम आबादी बढ़ाने में सफलता पाई.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved