आंदोलन के लिए आज शाम 4 बजे अहम बैठक
इन्दौर। केंद्र सरकार (Central Govt.) द्वारा जूते -चप्पल पर के बीआईएस का ठप्पा लगाए जाने के आदेश के बाद इस व्यापार से जुड़े कारखाने और छोटे, मध्यम, उद्योग वाले अब लामबंद होकर आर-पार की लड़ाई लडऩे के लिए संगठित होकर आज शाम 4 बजे नई रणनीति बनाने जा रहे हैं।
इंदौर फुटवियर मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन (Indore Footwear Manufacturers Association) का कहना है कि यदि सरकार ने मानक उत्पाद मैन्युअल कानून नहीं हटाया तो इंदौर सहित मध्यप्रदेश, आगरा, कानपुर, दिल्ली के फुटवियर कारोबारी अपने कारखानों पर ताला जडक़र एक ही दिन में अपने-अपने शहर अथवा जिलों में सरकार के नुमाइंदों को चाबी सौप देंगे। इंदौर फुटवियर मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरीश पंजाबी ने कहा कि फुटवियर जैसी स्माल इंडस्ट्रीज पर बीआईएस नियम अनिवार्य कर जूते-चप्पल के घरेलू कारखाने चलाने वालों और एमएसएमई इंडस्ट्री वालों को बर्बाद करने जा रही है। केंद्र सरकार ने पहले से ही 5 की बजाय 12 प्रतिशत जीएसटी वसूल कर छोटे मध्यम कारोबारियों की कमर तोड़ दी है। जैसे-तैसे कारोबारी कारोबार कर रहा है तो अब यह नया नियम बना कर हमें बर्बाद करने जा रही है। इसलिए इंदौर आगरा, दिल्ली, कानपुर के हम सब कारोबारी संगठित होकर इस नए कानून के खिलाफ रणनीति बनाने जा रहे हैं।
100 की चप्पल 250 रुपये में बिकेगी
इंदौर फुट वियर मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के सचिव अमित संचेती ने कहा कि यह सब कुछ मल्टीनेशनल फुटवियर कम्पनी और शूज इंडस्ट्रीज से जुड़े बड़े उद्योगों को फायदा पहुंचाने की कवायद है। इस नियम के अनुसार हर छोटे मध्यम घरेलू कारखाने वाले को जूते चप्पल की फिजिकल और केमिकल्स टेस्टिंग करवाना होगी एक लॉट सेम्पल की टेस्टिंग पर 1 लाख रुपये से ज्यादा का खर्च बढ़ जायेगा जिसका असर उपभोक्ता पर पड़ेगा 100 रुपये की चप्पल 250 रुपये में बिकेगी।
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