नई दिल्ली: पिछले कई महीनों से मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है. हाल में महिलाओं पर अत्याचार का वीडियो वायरल होने के बाद देश में गुस्सा भी देखा जा रहा है. ताजा घटनाक्रम में अब मणिपुर से बीजेपी विधायक पाओलीनलाल हाओकिप ने घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की आलोचना की है.
उन्होंने कहा कि उन 79 दिनों के बारे में भूल जाइए, इतनी बड़ी हिंसा के लिए एक सप्ताह (प्रतिक्रिया देने के लिए) भी बहुत लंबा समय होता है. पाओलीनलाल होकिप खुद कुकी-जोमी समुदाय से आते हैं. उनका मानना है कि पीएम मोदी की प्राथमिकताएं पूरी तरह से गलत हैं. इसके अलावा वो ये भी दावा करते हैं कि प्रधानमंत्री के अमेरिका के दौरे से पहले उन्होंने पीएम तक पहुंचने की कोशिश की थी लेकिन सफल नहीं हो सके.
न्यूजलॉन्ड्री को दिए एक इंटरव्यू में पाओलीनलाल हाओकिप ने कहा, “इंटरनेशनल रिलेशन को नजरंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन जहां पर लोग मारे जा रहे हैं उस मामले को सुलझाने पर ध्यान देना चाहिए. मानवता यही है, जिसकी कमी है.”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने जनता के प्रतिनिधि के रूप में प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. मैं अभी भी स्थिति की गंभीरता से अवगत कराने के मौके का इंतजार कर रहे हैं.” हाओकिप उन 10 कुकी विधायकों में शामिल हैं, जिन्होंने एक पत्र में एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर आदिवासी समूह की ‘रक्षा करने में गंभीर विफलता’ का आरोप लगाते हुए एक ‘अलग प्रशासन’ की मांग की थी.
हाओकिप का मणिपुर सरकार पर आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि 3 मई 2023 को चिन-कुकी-मिज़ो-ज़ोमी पहाड़ी आदिवासियों के खिलाफ मणिपुर की मौजूदा सरकार मौन रूप से समर्थन कर रही है. बहुसंख्यक मैतेई लोगों की ओर से शुरू की गई हिंसा ने पहले ही राज्य को विभाजित कर दिया है.
विधायकों ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध की चार घटनाओं को सूचीबद्ध किया और हाओकिप ने तर्क दिया कि क्या राज्य में अत्याचारों पर ध्यान देने के लिए मुख्यमंत्री, प्रधान मंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को उन घटनाओं के ऑडियो-विजुअल की आवश्यकता होगी? उन्होंने पूछा, “क्या राज्य सरकार को ऐसी अमानवीय क्रूरताओं पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए?”
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