नई दिल्ली: गो फर्स्ट एक बार उड़ान भरती नजर आएगी. एविएशन सेक्टर की रेग्यूलेटर डीजीसीए ने शर्तों के साथ गो फर्स्ट को उड़ान भरने की इजाजत दे दी है. डीजीसीए ने गो फर्स्ट के रिजॉल्युशन प्रोफेशनल शैलेद्र अजमेरा को पत्र लिखकर फैसले की जानकारी दी है.
डीजीसीए ने बताया कि गो फर्स्ट ने 26 जून को फिर से ऑपरेशन शुरू करने करने को लेकर जो प्लान सौंपा था उसका अध्ययन किया गया है और उसे रेग्यूलेटर ने स्वीकार कर लिया है. डीजीसीए ने कहा कि गो फर्स्ट फिर से शर्तों के फ्लाइट ऑपरेशन को शुरू कर सकती है.
डीजीसीए ने इन शर्तों में कहा कि इसके लिए एयरलाइंस के पास एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट का हर समय होना बेहद जरुरी है. साथ ही ऑपरेशन में इस्तेमाल किया जाने वाला एयरक्रॉफ्ट उड़ान भरने के बेहतर हालत में होना चाहिए. बगैर हैंडलिंग फ्लाइट के कोई भी एयरक्रॉफ्ट का इस्तेमाल ऑपरेशन में नहीं किया जाना चाहिए.
डीजीसीए ने कहा कि कंपनी में किसी बदलाव जिसका रिजॉल्युशन प्रोफेशनल द्वारा जमा किए गए प्लान पर असर पड़ता हो उसकी फौरन जानकारी डीजीसीए को उपलब्ध कराई जाए. डीजीसीए ने कहा कि रिजॉल्युशन प्रोफेशनल को फ्लाइट शेड्यूल, एयरक्रॉफ्ट की हालत, पायलट्स, केबिन क्रू, एएमई, फ्लाइट डिसपैचर की जानकारी रेग्यूलेटर को उपलब्ध करानी होगी.
डीजीसीए ने कहा कि शेड्यूल फ्लाइट ऑपरेशन अंतरिम फंडिंग की उपलब्धता और फ्लाइट शेड्यूल की डीजीसीए से अप्रूवल के बाद शुरू की जा सकती है. साथ ही फ्लाट के टिकट की बिक्री भी डीजीसीए से इजाजत मिलने के बाद ही शुरू की जा सकेगी. डीजीसीए ने कहा कि रिजॉल्युशन प्रोफेशनल को समय समय पर डीजीसीए द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध करानी होगी. गुरुवार को ही गो फर्स्ट ने ट्वीट कर ये जानकारी दी थी कि एयरलाइंस ने 23 जुलाई तक के लिए सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है जिसके लिए एयरलाइंस ने यात्रियों से खेद प्रकट किया था.
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