इधर 34 हेक्टेयर जमीन छुड़ाई, उधर 30 हेक्टेयर पर नए कब्जे हो गए
जंगलों की 679.880 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा बरकरार
इंदौर। वनमंडल इंदौर (Forest Division Indore) की वनभूमि (Forest Land) पर अतिक्रमण (Encroachment) करने वालो ने इंदौर (Indore), महू , चोरल, मानपुर के जंगलों में 679.880 हेक्टेयर जमीन पर लगभग 850 जगह अवैध कब्जे कर रखे हैं। वन विभाग (Forest Department) पिछले दो साल में अभी तक लगभग 34 हेक्टेयर जमीन ही कब्जे से मुक्त करा पाया है। कब्जे करने वालों के हौसले इतने बुलंद हंै कि उन्होंने लगभग 30 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा जमा लिया है।
इंदौर वनमंडल के डीएफओ नरेंद्र पंडवा के अनुसार पिछले साल 2021-22 में 5.677 हेक्टेयर जमीन कब्जेधारियों से मुक्त कराई थी। इस साल 2022-23 तक 34.442 हेक्टेयर जमीन से अतिक्रमण हटाया। 30 हेक्टेयर जमीन पर नए कब्जे हैं। साल 2022 और 23 में यानि 2 साल में वन विभाग सिर्फ 34.442 हेक्टेयर जमीन वापस ले पाया है। हैरानी की बात यह है कि इन दो सालों में 29.575 हेक्टेयर जमीन पर वापस नए कब्जे हो गए हंै। इसी तरह महू, मानपुर, चोरल के जंगलों में अवैध कब्जों का सिलसिला जारी है।
राजनीतिक दबाव के चलते नहीं कर पाते हैं कार्रवाई
लगातार अवैध कब्जों के चलते इंदौर वनमंडल के अधीन जंगल सिकुड़ते जा रहे हैं, मगर इंदौर वन विभाग का अमला बेबस और लाचार बना है। वोट बैंक की पॉलिसी निजी फायदे के लिए जनप्रतिनिधियों के दबाव के चलते कब्जे करने वालों से वन विभाग अपनी जमीन ही नहीं छुड़ा पा रहा है। हालात यह हैं कि कब्जेधारियों ने सालों से जंगल की सैंकड़ों हेक्टेयर जमीन पर कब्जा कर लिया। वन विभाग यहां अभी तक 50 हेक्टेयर जमीन भी मुक्त नहीं करा पाया है।
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