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    Kuno National Park : जांच के लिए दोबारा बाड़े में लाए जायेगे चीते, दक्षिण अफ्रीका से बुलाया गया विशेषज्ञ

  • July 18, 2023

    नई दिल्‍ली (New Delhi) । मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) (Kuno National Park) में खुला छोड़े गए रेडियो कॉलर चीतों (radio collared cheetahs) को जांच के लिए दोबारा बाड़े में लाया जा सकता है। सोमवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी और बताया कि चीतों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है।

    राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने रविवार को उन मीडिया रिपोर्ट को खारिज किया था, जिसमें चीतों की मौत के लिए रेडियो कॉलर को जिम्मेदार बताया गया था। जीपीएस आधारित रेडियो कॉलर को चीतों के गले में बांधा गया है, ताकि उनकी स्थिति पर नजर रखी जा सकी। हालांकि, चीता लाने की परियोजना से जुड़े एक विशेषज्ञ ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका से लाए गए एक नर चीता की मौत रेडियो कॉलर से हुए संक्रमण के चलते हुई थी।


    चीतों की जांच के लिए दक्षिण अफ्रीका से बुलाया गया विशेषज्ञ
    चीता परियोजना संचालन समिति की सोमवार को हुई बैठक में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि सभी रेडियो कॉलर चीतों को जांच के लिए वापस बाड़े में लाया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि चीतों की जांच और उपचार पर आवश्यक जानकारी देने के लिए दक्षिण अफ्रीका से एक विशेषज्ञ मंगलवार को केएनपी आ रहा है।

    मौतें रोकने के लिए नई प्रबंधन कार्रवाई की जरूरत
    चीता प्रोजेक्ट में शामिल एक अधिकारी ने समिति को बताया कि चीजों को जंगल में छोड़े जाने के पहले वर्ष के भीतर उनकी शुरुआती आबादी का 50 प्रतिशत का नुकसान स्वीकार्य मानकों के भीतर आता है। विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि दक्षिण अफ्रीका में रेडियो कॉलर से संबंधित कोई समस्या सामने नहीं आई है और इससे संबंधित मौतों को रोकने के लिए नई प्रबंधन कार्रवाई अपनानी होगी।

    पर्यावरण मंत्रालय ने रविवार को कहा था कि नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 वयस्क चीतों में से पांच की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई और रेडियो कॉलर जैसे कारकों को मौत के लिए जिम्मेदार बताने वाली मीडिया रिपोर्ट अटकलों और अफवाहों पर आधारित है।

    बता दें, दक्षिण अफ्रीका से लाए गए नर चीता सूरज की बीते शुक्रवार को श्योपुर स्थित कूनो पार्क में मृत्यु हो गई थी। इससे पहले पिछले मंगलवार को नर चीता तेजस की मृत्यु हुई थी। चीता परियोजना संचालन समिति के प्रमुख राजेश गोपाल ने बताया था कि चीतों की मौत का कारण रेडियो कॉलर के इस्तेमाल से होने वाली सेप्टीसीमिया बैक्टीरिया हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह चिंता का कारण है और हमने सभी चीतों की जांच करने का निर्देश दिया है।

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