नई दिल्ली (New Delhi)। देशभर में भारी बारिश (heavy rain across the country) के बाद कई राज्यों में तबाही (Devastation in many states) देखने को मिल रही है. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, जून में मानसून की शुरुआत होने के बाद से भारत (India) में भारी बारिश (heavy rain ) से संबंधित घटनाओं के कारण अब तक 624 लोगों की मौत (624 people died) हो चुकी है, हालांकि यह पिछले साल की तुलना में करीब 32 प्रतिशत कम है. गृह मंत्रालय की यह रिपोर्ट अलग-अलग राज्यों में भारी बारिश के बाद कृषि और संपत्ति के नुकसान के साथ-साथ मौतों को जोड़ती है, जिसके बाद यह आंकड़ा सामने आता है।
हिमाचल प्रदेश में हुई कुल इतनी मौतें
इस साल मानसून का सबसे ज्यादा प्रकोप हिमाचल प्रदेश में देखने को मिल रहा है. यहां 223 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सोलन और ऊना के लिए पिछले 50 सालों में सबसे ज्यादा है. वहीं अगर मौतों की बात की जाए तो इस मानसून सीजन में अब तक हिमाचल प्रदेश में 99 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2022 में 187 लोगों की मौत हुई थी।
गुजरात का आंकड़ा हिमाचल से ज्यादा
वैसे हिमाचल की तुलना में गुजरात का आंकड़ा ज्यादा है, क्योंकि इसी साल गुजरात में चक्रवात बिपरजॉय ने कहर मचाया और बाद में भारी बारिश के बाद आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, गुजरात में कुल 103 लोगों की मौत हुई है. कर्नाटक में 87 और राजस्थान में 36 मौतें हुईं हैं. इसके अलावा बाढ़ प्रभावित पंजाब में 11 और हरियाणा में 19 मौतें हुई हैं, जबकि पिछले साल यहां मौतें कम हुई थी. वहीं दूसरी ओर पंजाब में लुधियाना और पटियाला, हरियाणा में यमुनानगर और करनाल अभी भी पानी में डूबे हुए हैं।
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, असम में इस साल बारिश संबंधी घटनाओं के बाद 38 लोगों की मौत हुई है जो कि पिछले साल के मुकाबले बहुत कम है. इसके अलावा मणिपुर में 8 लोगों की मौत की खबर है. मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में इस साल 15 जून तक 92 मौतें हुईं. इसके अलावा भारत के कई हिस्सों में साल 2022 की तुलना में इस साल सामान्य से कम बारिश हुई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सहित 12 राज्यों में कम वर्षा हुई है।
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