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    असम सरकार राज्य में खत्म करेगी बहुविवाह प्रथा, CM ने कहा- विधानसभा में इसी सत्र में लाएंगे विधेयक

  • July 13, 2023

    नई दिल्ली। असम सरकार राज्य में बहुविवाह प्रथा को रोकने के लिए कानून बनाने जा रही है। इसके लिए सरकार विधानसभा के अगले सत्र में एक विधेयक लाने जा रही है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि सरकार की कोशिश है कि विधेयक को इसी सत्र में लाया जाए। उन्होंने कहा कि अगर किसी वजह से इस सत्र में विधेयक नहीं लाया जा सका तो विधानसभा के जनवरी सत्र में इसे लाया जाएगा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, “असम में बहुविवाह प्रथा को हम तुरंत बंद करना चाहते हैं।”

    मुस्लिम पुरुषों से भी एक ही शादी करने का आह्वान किया था
    मुख्यमंत्री ने मई में कर्नाटक के कोडागु जिले के शनिवारासंथे मदिकेरी में एक सभा में कहा था कि वह राज्य में समान नागरिक संहिता पर काम करेंगे तथा बहुविवाह और बाल विवाह को रोकेंगे। मुख्यमंत्री का कहना था कि बहुविवाह मुस्लिमों को छोड़कर अन्य धर्मों के लोगों में पहले से ही प्रतिबंधित है। उन्होंने मुसलमानों से भी अपील की थी कि वे अपनी बेटियों को बच्चे पैदा करने की मशीन बनाने के बजाए डॉक्टर और इंजीनियर बनाएं। उन्होंने मुस्लिम पुरुषों से भी एक ही शादी करने का आह्वान किया था।


    सरकार सभी के लिए एक कानून बनाने जा रही है
    आईपीसी की धारा 494 के तहत मुस्लिम पुरुषों को एक से अधिक पत्नी रखने का अधिकार है, लेकिन उन्हें भी पहली पत्नी से इसके लिए सहमति लेनी होगी। यह अधिकार केवल पुरुषों के पास है, मुस्लिम महिलाओं को एक से अधिक पुरुष के साथ शादी करने की इजाजत नहीं है। असम सरकार ऐसा कानून बनाने जा रही है, जिसमें सभी धर्मों के लोगों को पत्नी या पति के जीवित रहते दूसरी शादी करने की छूट नहीं हो, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो।

    आईपीसी की धारा 494 के तहत अपराध है दूसरी शादी
    दरअसल आईपीसी की धारा 494 के तहत यदि पति या पत्नी जीवित है तो दूसरी शादी करना एक अपराध है। पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी करने पर वह मान्य नहीं होगी। इसको नहीं मानने वाले को जेल जाना पड़ सकता है। इसकी अधिकतम सजा सात साल हो सकती है, साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अगर किसी कारणवश दूसरी शादी अदालत से अवैध घोषित हो जाए तब कोई सजा नहीं मिलेगी। अगर पति-पत्नी सात साल से अलग रह रहे हों या दोनों में किसी एक ने अपना संबंध खत्म कर लिया है या दोनों में से किसी एक का कोई पता-ठिकाना न हो तो उन्हें दूसरा विवाह करने की छूट है।

    मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा इसके पहले बाल विवाह के खिलाफ भी अभियान तेज करने को कहा था। उन्होंने इसके लिए विशेषज्ञों की राय लेने की बात भी कही थी।

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