इंदौर। जिला अस्पताल (District Hospital) में नर्सिंग ऑफिसर (nursing officer) की हड़ताल (strike) का सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं (pregnant women) पर पड़ रहा है। यहां डिलेवरी वार्ड में ताला लगा है। जिन महिलाओं को उनके परिजन प्रसव के लिए लेकर आते हैं, वे परिसर में ही दर्द से तडफ़ती रहती हैं। हड़ताल के चलते पिछले तीन दिनों से दोपहर में ओपीडी बंद होते ही डिलेवरी वार्ड में ताला जड़ दिया जाता है। इसका खामियाजा प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं को उठाना पड़ रहा है। मजबूरी में उनके परिजन जैसे-तैसे निजी अस्पतालों में भर्ती करा रहे हैं।
नर्सिंग ऑफिसर और संबधित मंत्रालय की हठधर्मिता के चलते तीन दिन से एमवाय में गंभीर मरीजों के 200 से ज्यादा ऑपरेशन भी स्थगित किए जा चुके हैं। जो गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए आ रही हैं, उन्हें हड़ताल की मार सबसे ज्यादा झेलना पड़ रही है। मेडिकल प्रशासन का कहना है कि ट्रेनीज नर्सिंग ऑफिसर के जरिये काम चला रहे हैं, लेकिन हड़ताल करने वाली नर्सिंग ऑफिसर्स का कहना है कि प्रसूति के दौरान अनुभवी और प्रशिक्षित नर्सिंग ऑफिसर महिलाओं की जरूरत पड़ती है, ट्रेनीज नर्सिंग ऑफिसर भला कैसे यह काम करा सकती हैं।
एक संविदाकर्मी के भरोसे प्रसूता
जिला अस्पताल में सिर्फ प्रसूताओं को रैफर करने के लिए एक संविदा कर्मी नर्स और एक डॉक्टर के भरोसे व्यवस्थाएं करने का दिखावा किया जा रहा है। एक ही स्त्री रोग विशेषज्ञ होने के कारण कोई भी डिलेवरी नहीं कराई जा रही है। डिलेवरी के सभी मामलों को एमटीएच और पीसी सेठी अस्पताल रैफर किया जा रहा है, जबकि हड़ताल के चलते यहां भी व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं।
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