मुंबई (Mumbai)। आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की पूर्व सीईओ (Chanda Kochhar) और उनके पति की मुसीबतें फिर एक बार बढ़ती नजर आ रही है। सीबीआई (SBI) की एक विशेष अदालत ने पूर्व सीईओ और उनके पति सहित तीन लोगों के खिलाफ दायर आरोप में संज्ञान लेते हुए उन्हें कोर्ट में हाजिर होने के लिए समन जारी किया है।
आरोप पत्र में दावा किया गया है कि चंदा कोचर ने बैंक के मानदंडों को दरकिनार करते हुए वीडियोकॉन समूह की कंपनियों का ऋण मंजूर किया था। चंदा की अध्यक्षता में 2009 में वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये का लोन स्वीकृत किया गया था। वीडियोकॉन की अलग-अलग कंपनियों को राशि वितरित की गई और 64 करोड़ रुपये निवेश के रूप में दीपक कोचर की न्यूपावर रिन्यूएबल लिमिटेड में भेज दिए गए।
सीबीआई का आरोप है कि चंदा वीडियोकॉन के एक फ्लैट में मुंबई में रहती थी। अक्टूबर 2016 में 11 लाख रुपये वही फ्लैट कोचर के पारिवारिक ट्रस्ट को सौंप दिया गया। हालांकि, फ्लैट की असल कीमत उस वक्त 5.25 करोड़ रुपये थी। सीबीआई का आरोप है कि चंदा कोचर ने सभी नियमों को दरकिनार करते हुए वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया कराया था।
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