नई दिल्ली (New Delhi) । लोकसभा (Lok Sabha) का रास्ता उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से होकर गुजरता है। ऐसा इसलिए कि राज्य में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं। किसी भी दल को दिल्ली की लड़ाई जीतने के लिए यूपी का जंग जीतना पड़ता है। ऐसे में यहां की क्षेत्रीय पार्टियों की ताकत को जानना भी जरूरी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) हाल ही में पटना में आयोजित विपक्षी एकता की पहली बैठक में शिरकत किए थे। वहीं, बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती (mayawati) ने खुद को इस बैठक से दूर रखा था। हालांकि उन्हें आमंत्रित भी नहीं किया गया था। उनकी पार्टी को लेकर एक सर्वे में चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं।
उत्तर प्रदेश के लोगों का मूड जाने के लिए एक सर्वे किया गया है। इस सर्वे में आज चुनाव होने की स्थिति में यूपी में सपा, बसपा और भाजपा को मिलने वाली सीटों का अनुमान लगाया है। सर्वे में बीएसपी को बड़ा झटका लगता दिख रहा है। बीजेपी यहां फायदे में दिख रही है। सपा की बात करेंतो उसे 4-8 सीटों से ही संतोष करना पड़ सकता है। कांग्रेस की स्थिति भी चिंताजनक है।
मायावती को यूपी में दलित नेता के तौर पर देखा जाता है। हालांकि, बीते कुछ वर्षों में उनके वोट बैंक में सेंधमारी हुई है। सर्वे के मुताबिक, आज अगर लोकसभा चुनाव होते हैं तो बीएसपी को करारी हार का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, बीजेपी के खाते में 68-72 सीटें जाती दिख रही हैं। बीएसपी महज 0-1 सीटों पर सिमट सकती है। अन्य दलों के खाते में 3-4 सीटें जाती दिख रही हैं।
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