नई दिल्ली (New Delhi)। लगातार चार महीने की गिरावट के बाद खुदरा महंगाई दर (retail inflation increase) में फिर बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर (Retail inflation based on the Consumer Price Index (CPI)) बढ़कर 4.81 फीसदी (increased to 4.81 percent) पर पहुंच गई है। इससे पिछले महीने मई में खुदरा महंगाई दर 4.31 फीसदी पर रही थी। ये इसका तीन महीने का उच्चतम स्तर है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बुधवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी है।
आंकड़ों के मुताबिक खाद्य उत्पादों की कीमतें बढ़ने से जून महीने में सीपीआई पर आधारित खुदरा महंगाई दर तीन महीनों के उच्चस्तर 4.81 फीसदी पर पहुंच गई है जबकि पिछले साल जून, 2022 में यह सात फीसदी रही थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के मुताबिक जून में खाद्य उत्पादों की महंगाई दर 4.49 फीसदी रही जबकि मई में यह 2.96 फीसदी रही थी। जून में दालों की महंगाई दर 10.53 फीसदी रही है जबकि मई में 6.56 फीसदी रही थी। साग-सब्जियों की महंगाई दर जून में -0.93 फीसदी रही है जबकि मई में -8.18 फीसदी रही थी। दरअसल सीपीआई आधारित महंगाई में खाद्य उत्पादों का भारांक लगभग आधा होता है।
आंकड़ों के मुताबिक जून में मसालों की महंगाई दर बढ़कर 19.19 फीसदी रही, जो मई में 17.90 फीसदी रही थी। दूध और उससे जुड़े उत्पादों की महंगाई 8.56 फीसदी पर है जबकि मई में 8.91 फीसदी थी। अनाज और उससे जुड़े उत्पादों की महंगाई दर 12.71 फीसदी रही है, जो मई में 12.65 फीसदी रही थी। हालांकि, ऑयल एंड फैट्स की महंगाई दर -18.12 फीसदी पर आ गई है, जो मई में -16.01 फीसदी रही थी। इसके अलावा चीनी की महंगाई दर 3 फीसदी रही, जो बीते महीने 2.51 फीसदी रही थी।
उल्लेखनीय है कि जून में खुदरा महंगाई दर बढ़ने के बावजूद यह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के छह फीसदी के संतोषजनक स्तर के नीचे है। आरबीआई ने अप्रैल-जून तिमाही में खुदरा महंगाई दर 4.6 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया था। सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो फीसदी के घट-बढ़ के साथ चार फीसदी तक सीमित रखने का दायित्व सौंपा हुआ है।
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