इंदौर (Indore)। महू-सनावद बड़ी लाइन प्रोजेक्ट के तहत सबसे बड़ी सुरंग बनाने की तैयारी पश्चिम रेलवे ने शुरू कर दी है। चार किलोमीटर से ज्यादा लंबाई वाली इस सुरंग के निर्माण पर 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च अनुमानित है। इसके निर्माण के टेंडर जुलाई अंत या अगस्त में बुलाने की तैयारी हो रही है। सुरंग के निर्माण में डेढ़ से दो साल तक का वक्त लगने की संभावना है।
यह सुरंग बडिय़ा से बेका के बीच बनाई जाना है। महू-सनावद गेज कन्वर्जन प्रोजेक्ट में कुल 21 सुरंगें बनाई जाना हैं, जिनमें से यह सुरंग सबसे लंबी होगी। पातालपानी से बलवाड़ा के बीच बड़ी लाइन का अलाइनमेंट छोटी लाइन से बिल्कुल अलग होगा। इसी हिस्से में सारी सुरंगें और वायाडक्ट बनाए जाएंगे। डायवर्टेड रूट का सर्वे राइट्स ने पूरा किया है, तभी से इस घाट सेक्शन के टेंडर जारी होने का इंतजार हो रहा है। सूत्रों ने बताया कि अब कार्यों के टेंडर बुलाने का मुहूर्त आ गया है। दो-तीन महीने की टेंडर प्रक्रिया के बाद अक्टूबर-नवंबर तक दुष्कर हिस्सों में रेल लाइन के लिए सुरंगों, पुल-पुलियाओं और अर्थवर्क आदि के कार्य दिखने लगेंगे। पातालपानी-बलवाड़ा सेक्शन में काम के दौरान मशीनरी, मजदूरों और मटेरियल को ले जाना भी ठेकेदार एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि जिन हिस्सों से बड़ी लाइन गुजरना है, वहां ढंग का पहुंच मार्ग नहीं है। कई जगह आने-जाने का रास्ता भी बनाना पड़ सकता है।
90 किलोमीटर तक होगी लंबाई
बड़ी लाइन बिछने पर महू से सनावद तक की दूरी बढक़र 90 किलोमीटर तक हो जाएगी। पातालपानी से मुख्तियारा बलवाड़ा के बीच लगभग 65, बलवाड़ा से सनावद के बीच 20 और महू से पातालपानी की दूरी 5.5 किलोमीटर होगी। सूत्रों ने बताया कि रेलवे का महू-पातालपानी और सनावद-बलवाड़ा सेक्शन में काम की कोई परेशानी नहीं है, क्योंकि दोनों हिस्सों में छोटी लाइन हटाकर मैदानी जमीन पर काम करना है। इसके लिए पटरियां हटाने का काम शुरू हो गया है। अगस्त तक पुल-पुलियाओं का काम शुरू हो जाएगा।
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