नई दिल्ली: एलजेपी का गठबंधन बीजेपी के साथ लगभग तय हो चुका है. चिराग पासवान जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा करने वाले हैं. वैसे 9 जुलाई को पार्टी की तरफ से चिराग पासवान को अधिकृत किया गया था. इसके बाद चिराग दिल्ली भी पहुंचे हैं. ज़ाहिर है बीजेपी के बड़े नेताओं से औपचारिक मुलाकात के बाद इस डील पर मुहर लगना तय माना जा रहा है.
चिराग पासवान एनडीए में जाने को लेकर लगभग तैयार हो चुके हैं. जानकारी के मुताबिक चार लोकसभा सीट और एक राज्यसभा के एवज में चिराग पासवान और बीजेपी के बीच सहमति लगभग बन चुकी है. पिछले दिनों बीजेपी की तरफ से बिहार के नेता और केन्द्रीय मंत्री नित्यानंद राय चिराग पासवान से बात करने चिराग के आवास पर पहुंचे थे.
इसके बाद एलजेपी के पदाधिकारियों के साथ बैठक में चिराग पासवान को बीजेपी के साथ समझौता करने को लेकर अधिकृत किया गया था. 9 जुलाई को चिराग पासवान ने खुद कहा था कि दो तीन बैठकों के बाद कुछ मुद्दे तय हो जाएंगे ऐसी उन्हें उम्मीद है. दरअसल 9 जुलाई को पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद चिराग दिल्ली पहुंचे हैं. यहां बीजेपी के केन्द्रीय नेताओं से मुलाकात के बाद औपचारिक घोषणा शेष रह गया है.
सूत्रों के मुताबिक चिराग पासवान छे लोकसभा सीट और एक राज्यसभा सीट की मांग पर अड़े थे. बीजेपी के साथ इन मांगों को लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही थी. कई मुद्दों पर चिराग बीजेपी का खुलकर समर्थन कर रहे थे लेकिन बीजेपी के साथ एनडीए में जाने के सवाल पर समय के इंतजार करने की बात कह सवाल को टाल जाते थे.
केन्द्रीय मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात के बाद दिल्ली पहुंचे चिराग पासवान जल्द ही एनडीए में शामिल होने की घोषणा करने वाले हैं. जानकारी के मुताबिक चिराग पासवान को हाजीपुर लोकसभा सीट भी आंवटित किए जाने की बात तय हो चुकी है. ज़ाहिर है चिराग और बीजेपी के साथ औपचारिक सहमति के बाद हाजीपुर से सांसद और केन्द्र में मंत्री पशुपतिनाथ पारस के लिए एनडीए में बने रहकर हाजीपुर से चुनाव लड़ना संभव नहीं रह जाएगा.
बिहार बीजेपी के एक बड़े नेता के मुताबिक पासवान समाज में पकड़ चिराग पासवान की ही मजबूत है. इसलिए बीजेपी के शीर्ष नेता इस बात को अच्छी तरह समझ चुके हैं कि दिवंगत नेता रामविलास पासवान के बाद एलजेपी के असली नेता चिराग पासवान ही हैं. ज़ाहिर है पशुपतिनाथ पारस गुट के पांच सांसदों के साथ बीजेपी का समझौता किस तरह का होगा इसको लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि पारस गुट को एक सीट देकर मैदान में उतारा जा सकता है लेकिन हाजीपुर सीट चिराग पासवान की एलजेपी को देने के लिए बीजेपी तैयार हो चुकी है.
दरअसल एलजेपी के नेता हैं चिराग पासवान जो कि दिवंगत नेता रामविलास पासवान के सुपुत्र हैं. पासवान समाज के तकरीबन पांच फीसदी मतदाताओं पर राम विलास पासवान के निधन के बाद चिराग की पकड़ ही मजबूत बताई जाती है. बीजेपी महागठबंधन के जवाब में चिराग के साथ इन्हीं वजहों से समझौता चाह रही थी. बीजेपी के पाले में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा पहले ही आ चुकी है.
वहीं एलजेपी (रामविलास) के आ जाने के बाद दलित के 12 से 14 फीसदी वोटों पर बीजेपी की पकड़ मजबूत होने का अनुमान लगाया जा रहा है. आरजेडी के एक नेता के मुताबिक आरजेडी चिराग पासवान को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही थी लेकिन चिराग का नीतीश कुमार के साथ खराब समीकरण महागठबंधन में उनके लिए मुश्किलें पैदा कर रहा था.
आरजेडी नेता के मुताबिक चंद दिनों पहले ही चिराग पासवान आरजेडी की पहल पर साफ इन्कार कर चुके हैं. इसलिए ये साफ हो गया था कि चिराग एनडी के साथ ही जाने वाले हैं. ज़ाहिर है एनडीए के साथ समझौते को लेकर लगभग तैयार हो चुके चिराग पासवान जल्द ही लोगों के बीच एक बार फिर पीएम मोदी का हनुमान बताने से परहेज नहीं करने वाले हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved