जबलपुर। पूर्व विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत डॉ. जाकिर हुसैन वार्ड का गोहलपुर इलाका सुर्खियों में है। चौक-चौराहों से लेकर सोशल मीडिया तक गोहलपुर के सरकारी उर्दू स्कूल की चर्चा है। दरअसल वार्ड में एक संजीवनी क्लीनिक बनना है। जो वार्ड पार्षद के हिसाब से सरकारी उर्दू स्कूल की इमारत तोड़कर बनाया जाना है। लेकिन क्षेत्र की जनता इसके खिलाफ है। आमजन चाहते हैं कि स्कूल अपनी जगह रहे और क्लीनिक के लिए कोई और जगह तलाशी जाए। ये मामला सुर्खियों में तब आया तब नगर निगम का अमला उर्दू स्कूल को जमींदोज करने पहुंचा। हालांकि विरोध के बाद अमले को लौटना पड़ा। लेकिन वार्ड पार्षद पति स्कूल को तोड़कर ही क्लीनिक बनाने पर आमादा है। वहीं क्षेत्रीय नागरिकों से साथ बद्धिजीवी वर्ग भी स्कूल तोडऩे के खिलाफ सड़क पर उतर पड़ा है। एक तरफ आमजन स्कूल बचाने ज्ञापन सौंप गुहार लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर स्कूल स्टॉफ भी अपने विभाग में पत्राचार कर जिम्मेदारों को इस कार्यवाही पर रोक लगाने मांग कर रहा है। उर्दू स्कूल बचाओ आंदोलन में शिक्षक संघ, शिक्षक कांग्रेस जैसे संगठन भी आगे आ रहे हैं।
सोशल मीडिया में पोस्ट वार
उर्दू स्कूल को बचाने और क्लीनिक बनाने के नाम पर सोशल मीडिया में पोस्ट वार चल रहा है। एक पोस्ट पर पक्ष-विपक्ष के लोग कमेंट के जरीए टूट रहे हैं। स्कूल टूटने से बचाने वालों की पोस्ट पर पार्षद पति याकूब अंसारी के समर्थक कुतर्क कर रहे हैं। पार्षद पति के समर्थक सोशल मीडिया पर ये प्रोपोगेंडा फैला रहे हैं कि स्कूल तोड़कर संजीवनी क्लीनिक का निर्माण क्षेत्रीय जनता का फैसला है। अगर ऐसा होता तो विरोध के स्वर क्यों गूंजते।
जर्जर हालत में है ये हिस्सा
पार्षद पति याकूब अंसारी के मुताबिक गोहलपुर उर्दू स्कूल भवन बेहद जर्जर हालत में है। इसे तोड़कर संजीवनी क्लीनिक बनाने की योजना है। जिसके तहत नगर निगम अमला पहुंचा था, लेकिन विरोध के कारण अमला लौट गया। क्षेत्रीय नागरिकों के विरोध को लेकर पार्षद पति ने कहा कि कुछ लोगों ने अफवाह फैलाई है कि पूरा स्कूल टूट रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है। जर्जर हिस्से को तोड़ा जाएगा।
सुलगते सवाल
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