इन्दौर। लंबे इंतजार के बाद पश्चिम रेलवे (Western Railway) ने इंदौर रेलवे स्टेशन (Indore Railway Station) के रिडेवलपमेंट प्लान (redevelopment plan) औपचारिक मंजूरियों (formal approvals) के लिए पिछले दिनों नई दिल्ली स्थित रेलवे बोर्ड को भेज दिया है। बोर्ड से जरूरी जांच, बदलाव और मंजूरियों के बाद इसे नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप को भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी के बाद पश्चिम रेलवे प्लान के आधार पर काम करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर सकेगा। मंजूरी कम से कम दो महीने और उसके बाद टेंडर होकर काम शुरू होने में तीन से चार महीने तक का समय लग सकता है। इंदौर स्टेशन के पुनर्विकास के लिए रेलवे ने लगभग 1000 करोड़ रुपए की योजना तैयार की है।
माना जा सकता है कि इंदौर स्टेशन के रिडेवलपमेंट का काम नवंबर-दिसंबर-23 से पहले शुरू नहीं हो सकता। प्लान के तहत मौजूदा स्टेशन में आमूलचूल बदलाव और आधुनिक सुविधाएं जुटाने की योजना है। पहले यह काम पीएम गतिशक्ति प्रोजेक्ट (PM Gati Shakti Project) में होना था, लेकिन अब इसे पश्चिम रेलवे के निर्माण विभाग को सौंप दिया है।
प्रोजेक्ट के तहत इंदौर में राजबाड़ा की डिजाइन पर आधारित नई स्टेशन बिल्डिंग, शास्त्री ब्रिज तोडक़र नया फोर लेन ब्रिज बनाना, आड़े-तिरछे प्लेटफॉर्म सीधे करना, स्कायवॉक का निर्माण, आयलैंड प्लेटफॉर्म का विकास और उसे मुख्य स्टेशन से जोडऩे के लिए ट्रेवलेटर लगाना जैसे कई काम किए जाना हैं। मुख्य भवन 21,756 वर्गमीटर का होगा, जबकि द्वितीय प्रवेश स्टेशन 1862 वर्गमीटर क्षेत्र में विकसित होगा। रिडेवलपमेंट के तहत स्टेशन पर 36 लिफ्ट और 24 एस्केलेटर लगाए जाएंगे। रेलवे सूत्रों का कहना है कि 2023 के अंत तक काम शुरू हो गया, तो उसे पूरा होने में कम से कम तीन साल का वक्त लगेगा।
उज्जैन का प्लान भी जल्द जाएगा
इंदौर के साथ पश्चिम रेलवे ने उज्जैन रेलवे स्टेशन के रिडेवलपमेंट प्लान बनाया है। फिलहाल इसे अंतिम रूप देने की तैयारी हो रही है। उज्जैन में भगवान महाकाल के त्रिनेत्र आधारित स्टेशन बिल्डिंग बनाने की योजना है। उज्जैन स्टेशन रिडेवलमेंट पर 840 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। उज्जैन में रेलवे की 98.80 एकड़ क्षेत्र की जमीन का विकास होगा, जिसमें से 12.70 एकड़ जमीन पर स्टेशन की मुख्य इमारत होगी। वहां 52 लिफ्ट और 31 एस्केलेटर लगाए जाएंगे।
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