वाशिंगटन (washington)। भारत में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह (Khalistani supporter Amritpal Singh) पर जारी कार्रवाई को लेकर ब्रिटेन और अमेरिका में उसके समर्थकों का हंगामा जारी है, हालांकि ब्रिटेन और अमेरिका में खालिस्तान समर्थकों (khalistan supporters) का प्रोपेगैंडा कार्यक्रम नाकाम हो गया है। लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर थोड़ी संख्या में ही खालिस्तान समर्थक जुटे थे, जिन्हें पुलिस ने खदेड़ दिया. वहीं, अमेरिका में भी भारतीय दूतावास के बाहर सख्त पहरा रहा।
8 जुलाई को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के बाहर 30 से 40 खालिस्तान समर्थक इकट्ठा हुए। इनके हाथ में विवादास्पद पोस्टर्स थे जिस पर भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी और बर्मिंघम में वाणिज्य दूतावास के प्रमुख शशांक विक्रम की तस्वीरें लगी हुई थीं, लेकिन जिस मकसद से ये लोग इकट्ठा हुए थे, वो पूरा नहीं हो पाया।
ब्रिटिश पुलिस की मौजूदगी ने इन लोगों के प्रदर्शन को फ्लॉप कर दिया. ढाई घंटे तक भारतीय हाई कमीशन के बाहर ये लोग इकट्ठा रहे, लेकिन पुलिस की सुरक्षा के बीच खुद को नाकाम साबित होते देख वापस चले गए। हाल के दिनों में कई खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथियों की मौत हो चुकी है। बीते जून में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में सरेआम कर दी गई थी! एक गुरुद्वारे की पार्किंग में दो युवकों ने निज्जर को गोली मारी थी। निज्जर का नाम NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में था! हरदीप सिंह निज्जर खालिस्तान का प्रोपेगैंडा चलाने वाले गुरपतवंत पन्नू के साथ काम करता था. निज्जर की हत्या के बाद से पन्नू गायब है और अब पन्नू की एक्सीडेंट में मौत की खबरें भी वायरल हो रही हैं।
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