पटना: ‘कभी कभी लोग ऐसी गलती करते हैं कि बाकियों के लिए रास्ता बंद कर देते हैं, अब कौन पढ़ाएगा.’ बिहार के पटना (Patna of Bihar) में कोचिंग सेंटर (coaching center) चलाने वाले फेसम टीचर खान सर ने उत्तर प्रदेश की SDM और शुगर मिल की जीएम ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य के विवाद को लेकर कही है. बिहार के खान सर का दावा है कि इस विवाद के चलते उनके अपने कोचिंग क्लास से 93 महिलाओं ने कोचिंग छोड़ दिया है.
बताया जा रहा है कि उन 93 महिलाओं के पति आए और उन्होंने उन महिलाओं से अब किसी भी तरह की कोई भी तैयारी नहीं करने की बात कही. जिस प्रतियोगी परीक्षा की वे तैयारी कर रही थीं वो नहीं करवाने का फैसला किया. खान सर का कहना है कि उन्होंने बहुत समझाया कि ऐसा मत कीजिए, वो पढ़ाई कर रही हैं, जिंदगी में अच्छा कर सकती हैं, उन्हें पढ़ने से मत रोकिए, उन्हें तैयारी करने दीजिए लेकिन पति नहीं माने. खान सर के मुताबिक जो 93 महिलाएं कोचिंग कर रही थीं, पीसीएस की तैयारी कर रही थीं अब उन सभी महिलाओं ने कोचिंग संस्थान से खुद को अलग कर लिया है. उनके पतियों ने ज्योति मौर्य और उनके पति अलोक मौर्य के विवाद का हवाला दिया.
खान सर का कहना है कि हम किसी के फैमिली मैटर नहीं पढ़ सकते लेकिन हमने समझाने की बहुत कोशिश की, फिर भी समझाना काम नहीं आया. एक दूसरे वीडियो में ज्योति मौर्य और अलोक मौर्य विवाद पर खान सर ने कहा कि कभी कभी लोग ऐसी गलती करते हैं कि बाकियों के लिए रास्ता बंद कर देते हैं, अब कौन पढ़ाएगा. यह समाज हमेशा ये याद नहीं रखेगा हम कब सही थे और ये कभी भूलेगा नहीं कि हम कब गलत थे. हालांकि सब एक जैसा नहीं होते.
एसडीएम ज्योति मौर्य और अलोक मौर्य के विवाद के बीच बिहार के बाद बक्सर से भी ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां पिंटू सिंह ने अपनी पत्नी खूशबू की कोचिंग छुड़वा दी. खूशबू इलाहाबाद यूपी में पीसीएस की तैयारी कर रही थीं. हालांकि उन्होंने पुलिस के पास जाकर अपने पति की शिकायत की है. खूशबू का कहना है कि उनके पति को समझाया जाए क्योंकि मैं पढ़ना चाहती हूं और पीसीएस परीक्षा की तैयारी करना चाहती हूं.
ज्योति मौर्य ने कहा कि मैं इस पूरे मामले में मीडिया में कुछ भी सफाई नहीं देना चाहती, मुझे जो कुछ भी कहना वो यथा योग्य मंच यानी कोर्ट में कहूंगी. हमारा तलाक का केस फाइल है. इसके अलावा चैट लीक का केस भी आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. अलोक मौर्य जोकि इस पूरे मामले को पब्लिक डोमेन में लेकर आए हैं, जो उन्हें नहीं लाना चाहिए थे.
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