नई दिल्ली: मोदी सरनेम मामले (Modi surname matters) में गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने शुक्रवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को राहत देने से इंकार कर दिया. उनकी दो साल की सजा को बरकरार रखा गया है. इसके साथ ही राहुल गांधी के पास अब पेश मामले में केवल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जाकर राहत प्राप्त करने का ही आखिरी रास्ता बचा है. हाई कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी की तरफ से भी इसपर प्रतिक्रिया दी गई. अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि यह फैसला निराशाजनक जरूर है लेकिन अप्रत्याशित नहीं है. पार्टी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी.
सिंघवी ने कहा, ‘राहुल गांधी सत्य की राह के निडर राही है, बीजेपी के झूठ का पर्दाफाश करते रहेंगे, कभी डरते नहीं हैं. ये सरकार बौखलाई रहती है, राहुल गांधी से घबराई रहती है. मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ये हो रहा है. अहंकारी सत्ता को न्यायपालिका से कड़ा संदेश मिलेगा. हम उच्चतम न्यायालय की तरफ अग्रसर होंगे.’
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी मामले में HC के फैसले को पढ़ने और पिटीशन तैयार करने में लगभग एक हफ्ते का समय लगेगा. मतलब SC जाने में एक हफ्ते के आसपास का समय लग सकता है. गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के पैरा 63 में वीर सावरकर के केस का जिक्र है लेकिन जब ये केस दायर हुआ उसके एक महीने पहले इसका फैसला आ चुका था.
बता दें कि साल 2019 में राहुल गांधी ने एक जानसभा के दौरान मोदी सरनेम के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. जिससे नाराज होकर बीजेपी नेता पुर्णेश जोशी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था. पेश मामले में गुजरात की जिला अदालत ने संज्ञान लिया और लंबी कानूनी लड़ाई के बाद राहुल गांधी को दोषी पाया और उन्हें दो साल कैद की सजा सुनाई. इसके बाद राहुल ने गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन यहां भी उन्हें राहत नहीं मिली.
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