नई दिल्ली। तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में महिलाओं के ब्यूटी सैलून पर पाबंदी लगाई गई है, क्योंकि ये ऐसी सेवाएं देते हैं जो इस्लाम में हराम हैं। पाबंदी की दूसरी वजह ये भी है कि विवाह के दौरान दूल्हे के परिवार के लिए यह आर्थिक परेशानी का कारण बनते हैं। तालिबान का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब कुछ दिन पहले ही उसने देश के सभी सैलून को अपना करोबार समेटने और दुकान बंद करने के लिए एक महीने का वक्त दिया है।
तालिबान के इस फरमान पर अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों ने महिला उद्यमियों पर इसके प्रभाव को लेकर चिंता जताई है। अफगान महिलाओं व लड़कियों की आजादी और उनके अधिकारों पर पाबंदी लगाने वाला यह हालिया फैसला है। इससे पहले तालिबान महिलाओं व लड़कियों की शिक्षा, सार्वजनिक स्थान पर जाने और रोजगार के अधिकतर तरीकों पर पाबंदी लगा चुका है।
बृहस्पतिवार को जारी एक वीडियो क्लिप में तालिबान शासित धार्मिक मामलों के वर्चु एंड वाइस मंत्रालय के प्रवक्ता सादिक अकिफ महजर ने ऐसे कई सैलूनों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि भवों को आकार देना, मेकअप का इस्तेमाल करना, किसी महिला के प्राकृतिक बालों को बढ़ाने के लिए दूसरों के बाल का इस्तेमाल करना आदि इस्लाम के खिलाफ है।
महजर ने कहा कि ब्यूटी सैलून विवाह के दौरान दूल्हे के परिवार के लिए आर्थिक परेशानी का कारण बनते हैं क्योंकि यहां दुल्हन के मेकअप का खर्चा दूल्हे के परिवार को उठाना होता है। उनका कहना है कि ये बेवजह की कसरत होती है जिसकी वजह से पैसे की बर्बादी होती है और दूल्हे के परिवार को दुल्हन पक्ष की और भी महिलाओं के सैलून जाने का खर्च उठाना होता है।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान का नियंत्रण तालिबान के हाथ में जाने के बाद महिलाओं के खिलाफ कई सारे फैसले किए जा चुके हैं। तालिबान मानता है कि महिलाओं को आजादी देना इस्लाम के खिलाफ है। उसके इन कदमों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खासी निंदा भी की जा चुकी है।
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