पेरिस (Paris)। अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने भारतीय खगोलशास्त्री (Indian astronomer) के नाम पर एक छोटे ग्रह का नाम रखकर उन्हें सम्मानित किया है। इससे पहले केवल पांच अन्य भारतीयों को ही यह सम्मान मिल सका है। विदेशी मीडिया के मुताबिक, भारतीय खगोलशास्त्री अश्विन शेखर (Indian astronomer Ashwin Shekhar) के नाम पर आईएयू ने एक छोटे ग्रह का नाम रखा है। 21 जून 2023 को भारतीय खगोल शास्त्री को यह सम्मान एरिजोना में आयोजित क्षुदग्रह धूमकेतु उल्का सम्मेलन के 2023 संस्करण में दिया गया था।
आईएयू IAU ने कहा कि अश्विन शेखर आधुनिक भारत के पहले उल्का खगोलशास्त्री हैं। उन्होंने उल्कापिंड क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बता दें, क्षुदग्रहों को लघु ग्रह भी कहा जाता है। खगोलीय पिंड लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौरमंडल के प्रारंभिक गठन के चट्टानी, वायुहीन अवशेष हैं। वे आठ प्रमुख ग्रहों से तो छोटे हैं, लेकिन उल्कापिंड से बड़े हैं।
पेरिस की वेधशाला से जुड़े हैं शेखर
गैर औपचारिक नामकरण का उद्देश्य है कि लोगों को उनके क्षेत्रों में किए गए उत्कृष्ट कामों के लिए सम्मानित करना। बता दें, अश्विन को इसी के तहत सम्मानित किया गया है। अश्विन के नाम पर रखे छोटे ग्रह को अब (33928) अश्विन शेखर = 2000 एलजे 27 के नाम से जाना जाएगा। अश्विन फिलहाल फ्रांस सरकार के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शिक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले पेरिस की एक वेधशाला के साथ जुड़े हुए हैं।
इन पांच भारतीयों को भी मिला सम्मान
अश्विन शेखर से पहले केवल पांच ही भारतीयों को यह सम्मान दिया गया है। इसमें नोबेल पुरस्कार विजेता सीवी रमन और सुब्रमण्यम चंद्रशेखर, महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन, खगोलशास्त्री डॉ. विक्रम साराभाई, महान खगोलशास्त्री और आईएयू मनाली के पूर्व अध्यक्ष कल्लाट वेणु बप्पू शामिल हैं।
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