इंदौर, विजय मोदी। इंदौर के एमटीएच (महाराजा तुकोजीराव हॉस्पिटल) में सुबह नवजात बच्चों की मौत पर जमकर बवाल हुआ। जैसे-तैसे मामला संभला, लेकिन शाम होते-होते फिर अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई। अस्पताल वालों ने माता-पिता को दूसरे का मरा हुआ बच्चा दे दिया। परिजन जब श्मशान में नवजात के मृत शरीर को दफनाने के लिए पहुंचे तब उन्हें अस्पताल से फोन आया कि आपको गलती से दूसरा बच्चा दे दिया है, आप यहां आकर ले जाइए। इसके बाद फिर वह अस्पताल पहुंचे और वहां जमकर हंगामा हुआ। इसके बाद वहां अन्य मृत नवजात को देखा गया और फिर उन्हें बदलकर उनके बच्चे का मृत शरीर सौंपा गया।
दरअसल पूजा और जितेंद्र के घर 24 दिन पहले पैदा हुए बच्चों का इलाज महाराजा तुकोजीराव महिला अस्पताल में जारी था जहां इलाज के दौरान गुरुवार को बच्चे की मौत हो गई थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर 15 बच्चों की मौत की खबर वायरल हुई जिसके बाद पूरे शहर में हंगामा मचा और अधिकारी लेकर नेता नगरी तक अस्पताल पहुंच गई। दोपहर बाद अस्पताल प्रबंधन और परिजनों के बीच चर्चा के बाद बच्चे का शव परिजनों को सौंप दिया गया। शाम 5 बजे अस्पताल प्रबंधन से जितेंद्र और उसकी साली के पास फोन आया कि आप को सौंपा गया मृत बच्चा किसी और का है, जिसके बाद एक बार फिर हंगामा मच गया और परिजन मृत बच्चों को लेकर फिर से एमटीएच अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने फिर से हंगामा खड़ा कर दिया।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ संजय दीक्षित ने बताया कि इस मामले में नर्स मुस्कान राठौर को सस्पेंड किया है। इसके साथ ही डॉक्टर निलेश दलाल डॉ प्रीति मालपानी और डॉक्टर सुनील आर्य को शो कॉज नोटिस जारी किए हैं। अस्पताल प्रबंधन अलग-अलग कारणों से दो बच्चों की बात मान रहा है हंगामे के बाद कलेक्टर भी अस्पताल पहुंचे गुरुवार को पूजा के प्रीमेच्योर बेबी सहित दो नवजात की मौत हुई है। इन्हें सेप्टीसीमिया का इंफेक्शन था उसका वजन भी काफी कम था। उसके लंच में दूध चला गया था। शिकायत मिलने पर पुलिस की ओर से अस्पताल पहुंचे ऐसी बीपी शर्मा एसीपी बीपी शर्मा ने बताया कि प्रीमेच्योर बच्ची के अलावा एक अन्य बच्चे की मौत निमोनिया से हुई है आपको बता दें कि एमटीएस में जुलाई के 6 दिन में अब तक 20 बच्चों की मौत हुई है पिछले महीने जून में 1 बच्चों की जान गई थी।
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