दो महीने बाद चुनाव, फर्जी मतदाताओं के आरोप के बाद भी नहीं हो पा रहा सर्वे
इन्दौर। कांग्रेस (Congress) ने शहर में बड़े पैमाने पर मतदाता सूची (Voter List) में फर्जी नाम जोड़े जाने का आरोप लगाया था और उसके बाद 1 जून से किए जा रहे मतदाताओं के पुनरीक्षण में कांग्रेसी अपने क्षेत्र से फर्जी मतदाताओं के नाम कटवाने में पीछे रह गए हैं।
कांग्रेस (Congress) की ओर से बीएलओ को लेकर भी आरोप लगाए गए थे कि कई अपात्र बीएलओ ने मतदाता सूची का काम किया और लापरवाही करते हुए उसमें ऐसे नाम जोड़ दिए, जो दूसरी जगह भी हैं या जहां रहते थे, वहां से दूसरी जगह स्थानांतरित हो गए हैं। इसको लेकर पिछले दिनों कांग्रेसियों ने जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर इलैयाराजा टी को एक ज्ञापन भी सौंपा था, जिसमें बीएलओ को हटाने की मांग की गई थी। कांग्रेस के संगठन प्रभारी महेन्द्र जोशी ने पदाधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वे अपने-अपने बूथ पर जाकर मतदाता सूची की जानकारी लें और वहां रहने वाले मतदाताओं से संपर्क करेंं। यही बात पिछले दिनों इंदौर आए दिग्विजयसिंह ने कांग्रेस पदाधिकारियों से कही थी। उन्होंने कांग्रेसियों को चेताया था कि फर्जी मतदाताओं के नाम हटा दिए जाते हैं तो कांग्रेस को चुनाव जीतने से कोई नहीं राक सकता, लेकिन अभी तक कांग्रेस ने मतदाता सूची जांचने का काम नहीं किया। चुनाव लडऩे के जो दावेदार हैं, वे जरूर अपने गिने-चुने कार्यकर्ताओं के भरोसे लोगों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन संगठन के पास अभी तक ऐसी कोई जानकारी इक_ा नहीं हो पाई है, जिससे यह मालूम चल सके कि फर्जी मतदाताओं की जो शिकायत की गई है, वह कितनी सही है? कल गांधी भवन में हुई मीटिंग में सहप्रभारी चन्द्रशेखर शर्मा ने यह बात दोहराई, लेकिन एक भी कांग्रेसी जवाब नहीं दे पाया कि उसने कितने फर्जी नाम मतदाता सूची से कटवाए हैं। हालांकि इसके पहले ही प्रशासन ने 1 लाख 36 हजार 522 मतदाताओं के नाम काटने की जानकारी दी थी, लेकिन उसकी प्रक्रिया नहीं बताई।
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