पेरिस (Paris)। ट्रैफिक नियम तोड़ने (Breaking traffic rules) पर17 वर्षीय किशोर की 27 जून को पुलिस कार्रवाई में मौत के बाद से फ्रांस (France) में गृह युद्ध जैसा माहौल (Civil war like atmosphere) बना हुआ है। छठे दिन मृतक किशोर की दादी की तरफ से दंगा खत्म करने की अपील के बाद हिंसा में कमी (Reduction in violence) आई है। पुलिस अब तक 3,354 दंगाइयों को गिरफ्तार (3,354 rioters arrested) कर चुकी है। देशभर में दंगों से निपटने के लिए 45 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को सड़कों पर उतारा गया है। उधर, पूरे फ्रांस में सोमवार को स्थानीय लोगों ने टाउन हॉलों के सामने खड़े होकर स्थानीय सरकारों के समर्थन (government support) में एकजुटता प्रदर्शित की।
पेरिस पुलिस चीफ का कहना है कि अभी यह नहीं कह सकते कि दंगे खत्म हो गए हैं। फिलहाल, हालात को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में दंगाइयों ने 300 से ज्यादा वाहन और करीब 40 इमारतों को आग लगाई है। दंगाइयों के हमलों में 250 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से तीन रविवार रात दंगाइयों की गिरफ्तारी के दौरान घायल हुए। रविवार रात को करीब 150 दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया।
वहीं, फ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड डरमनिन (Home Minister Gerald Durmanin) ने बताया कि आगजनी, तोड़फोड़ और पुलिस पर हमले करने वाले जिन 3 हजार से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। ये ज्यादातर प्रवासी मुस्लिम हैं। इससे पहले राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (President Emmanuel Macron) ने हिंसा को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, फ्रांस के न्याय मंत्री ने कहा, जो सोशल मीडिया पर हिंसा को बढ़ावा देने में शामिल हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
देशभर के नेताओं से मिले मैक्रों
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने सोमवार को दोनों सदनों के नेताओं से मुलाकात की इसके साथ ही राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि मैक्रों मंगलवार को फ्रांस के 220 बड़े शहरों के मेयरों से भी मिलेंगे।
लूटपाट और आगजनी से नहीं मिलेगा न्याय
पुलिस कार्रवाई में मारे गए किशोर नाहेल मेरजूक की दादी नादिया ने रविवार को लोगों से दंगा न करने की अपील करते हुए कहा, नाहेल के लिए न्याय मांगने की आड़ में दंगा करना बंद करें। स्कूल, बस और इमारतों को तोड़ने या जलाने से न्याय नहीं मिलेगा। इन स्कूलों में सबके बच्चे पढ़ते हैं, बसों में तमाम माएं सफर करती हैं, जिनके नाहेल जैसे बच्चे हैं। नादिया ने कहा, उनके परिवार ने किसी से नहीं कहा कि बैंकों, घरों और दुकानों को लूटने से नाहेल को न्याय मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा, वे पुलिस से नहीं बल्कि सिर्फ उस पुलिसकर्मी से नाराज हैं, जिसने नाहेल को गोली मारी। उन्होंने कहा, हमें फ्रांस की न्याय व्यवस्था और पुलिस पर पूरा भरोसा है। हमारे परिवार को सिर्फ न्याय चाहिए। अगर पुलिसकर्मियों ने बिना कसूर उनके बच्चे की जिंदगी छीनी है, तो उन्हें जेल में होना चाहिए।
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