मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजीत पवार (Ajit Pawar) रविवार को उपमुख्यमंत्री के रूप में महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए. वह बीजेपी नेता देवेंद्र फड़णवीस के साथ पद साझा करेंगे. उनके साथ एनसीपी के कई विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली.
यह कदम अजित पवार के महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद छोड़ने की इच्छा जताने के कुछ दिनों बाद आया है. अजित पवार के साथ छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, दिलीप वलसे पाटिल समेत कुल नौ एनसीपी नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में हुआ.
इससे पहले दिन में अजित पवार ने मुंबई में अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों से मुलाकात की. जबकि एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) को बैठक की जानकारी नहीं थी. शरद पवार ने इस पूरे मामले पर कहा कि ‘हमें जनता का समर्थन हासिल है. हम सब कुछ फिर से बनाएंगे. महाराष्ट्र इस खेल को बर्दाश्त नहीं करेगा.’
इससे पहले रविवार को मुंबई में अपने आधिकारिक आवास पर विधायकों के साथ अजीत पवार की बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि ‘उन्हें बैठक के बारे में पता नहीं था. शरद पवार ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष के नेता (LOP) के पास विधायकों की बैठक बुलाने का अधिकार था. वह नियमित रूप से ऐसा करते हैं.’
शरद पवार, इस समय पुणे में हैं. उन्होंने एनसीपी से अजीत पवार की बगावत से पहले यह बयान दिया था. अजित पवार के आधिकारिक आवास ‘देवगिरि’ पर हुई बैठक में एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले मौजूद थीं, जबकि प्रदेश पार्टी अध्यक्ष जयंत पाटिल मौजूद नहीं थे. अजित पवार की बगावत के बाद राकांपा में विभाजन का खतरा मंडरा रहा है. जो शरद पवार के पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने और फिर तीन दिन बाद इसे वापस लेने के फैसले के एक महीने बाद सबके सामने आया है.
एनसीपी और शरद पवार को एक बड़ा झटका देते हुए अजित पवार अब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल हो गए हैं. खबरों के मुताबिक अजित पवार के पास अब तक 29 विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र है.
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